विश्व आदिवासी दिवस पर संस्कृति और परंपरा को बचाने का लें संकल्प : डॉ सुशील
शनिवार को शहीद वीर बुधू भगत इंटर कॉलेज पोड़ाटोली में विश्व आदिवासी दिवस मनाया गया। शिक्षकों और कर्मचारियों का परंपरागत स्वागत किया गया और छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। प्राचार्य...
चान्हो, प्रतिनिधि। शहीद वीर बुधू भगत इंटर कॉलेज पोड़ाटोली में शनिवार को विश्व आदिवासी दिवस मनाया गया। महाविद्यालय के शिक्षकों और कर्मचारियों का परंपरागत तरीके से स्वागत किया गया। वहीं छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई। कॉलेज के प्राचार्य सुशील मिंज ने आदिवासी दिवस के आयोजन के बारे में बताया कि नौ अगस्त 1994 को संयुक्त राष्ट्र संघ ने प्रस्ताव पारित कर इस दिवस को चिह्नित किया था। इसका निर्णय मानवाधिकार सम्मेलन जेनेवा में 1982 को तय किया गया था, ताकि विश्व के आदिवासी अपनी उत्तरजीविता को बरकरार रख सकें। उन्होंने कहा कि इस महाविद्यालय की स्थापना इसी उद्देश्य के साथ की गई है कि बच्चों को आदिवासी समाज के त्याग और बलिदान की जानकारी देते हुए अपनी भाषा और संस्कृति को बचाया जा सके। मौके पर उप प्राचार्य मोहसिन खान, शिक्षक प्रतिनिधि सुकरमुनि उरांव, नीलिमा टोप्पो, आशा कुमारी, सीताराम प्रसाद, विकास उरांव, साबिर अंसारी, मिथिलेश सिंह आदि मौजूद थे। वहीं हुरहुरी गांव में भी विश्व आदिवासी दिवस समारोह मनाया गया। कार्यक्रम में पूर्व डीडीसी सह समाजसेवी डॉ परमेश्वर भगत शामिल हुए। परमेश्वर भगत ने विश्व आदिवासी दिवस पर आदिवासी समुदाय की सांस्कृतिक धरोहर और उनके अधिकारों की रक्षा के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने आदिवासी समुदाय के लिए विशेष योजनाओं और नीतियों तथा स्थानीय डोमिसाइल नीति, पेसा कानून, नियोजन नीति, सरना कोड, पलायन रोकने से संबधित नीति और सीएनटी एक्ट को अक्षरशः अनुपालन करने संबधित बातों को लोगों के सामने रखा।
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