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आपराधिक मामला दायर करने के लिए अब शपथपत्र की वैधता 21 दिन

हाईकोर्ट में आपराधिक मामले दायर करने के लिए दिए जाने वाले शपथपत्र की वैधता अब 21 दिनों तक रहेगी। इस तरह के मामला दायर करने के लिए पहले पैरवीकार को एक शपथपत्र दाखिल करना पड़ता...

आपराधिक मामला दायर करने के लिए अब शपथपत्र की वैधता 21 दिन
हिन्दुस्तान टीम,रांचीWed, 21 Oct 2020 10:41 PM
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हाईकोर्ट में आपराधिक मामले दायर करने के लिए दिए जाने वाले शपथपत्र की वैधता अब 21 दिनों तक रहेगी। इस तरह के मामला दायर करने के लिए पहले पैरवीकार को एक शपथपत्र दाखिल करना पड़ता है। शपथपत्र के माध्यम से संबंधित व्यक्ति के संबंध में पूरी जानकारी रखने की बात कहता है। अभी पैरवीकार की ओर से शपथपत्र दाखिल किए जाने के सात दिनों के अंदर ही याचिका दायर की जा सकती है। सात दिनों की अवधि पार होने के बाद शपथपत्र की वैधता समाप्त हो जाती थी। हाईकोर्ट रूल को शिथिल करते हुए अब इसकी वैधता 21 दिनों तक कर दी गयी है। यह प्रावधान 31 अक्तूबर तक के लिए किया गया है।

ओथ कमिश्नर के समक्ष दाखिल करना होगा :

आपराधिक मामलों के पैरवीकार को शपथपत्र दाखिल करने के लिए हाईकोर्ट जाना होगा। यहां ओथ कमिश्नर के समक्ष ही उसे शपथ करना जरूरी कर दिया गया है। साथ ही पैरवीकार को अपना आधार कार्ड और पहचान पत्र भी ले जाना होगा।

48 घंटे बाद खोला जाता है ड्रॉप बॉक्स :

हाईकोर्ट में ऑनलाइन के साथ ऑफलाइन याचिका दायर करने की छूट प्रदान की गयी है। ऑफलाइन यचिका दायर करने के लिए ड्रॉप बॉक्स बनाए गए हैं। ड्राप बॉक्स में याचिका दायर करने के 48 घंटे बाद उसे निकाला जाता है। इस कारण भी सात दिनों का समय दिए जाने से वकीलों और मुवक्किलों को परेशानी होती थी। इसके बाद इसकी अवधि बढ़ाने की मांग हाईकोर्ट से की जा रही थी।

केस दर्ज करने और निष्पादन में तेजी आएगी :

शपथपत्र की वैधता की अवधि बढ़ाए जाने से आपराधिक मामले फाइल करने में तेजी आएगी और मामलों का निष्पादन भी तेजी से होगा। पुराने मामले भी सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किए जाएंगे और नए के साथ पुराने दोनों मामलों का निष्पादन होगा।

एडवोकेट एसोसिएशन ने की थी मांग :

झारखंड हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन ने चीफ जस्टिस से कोरोना संक्रमण का हवाला देते हुए आपराधिक मामलों में शपथपत्र की वैधता सात दिनों से बढ़ाने का आग्रह किया था। इसके बाद हाईकोर्ट ने इस पर सहमति जतायी और प्रावधान लागू किया।

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