दो महिला मजदूरों को यूपी में किया गया अगवा, 28 मजदूर देवरिया से वापस लौंटे
झारखंड की दो महिला मजदूरों को यूपी के देवरिया में अगवा कर लिया गया है। जो अपने परिवार के साथ वापस नहीं लौट पाई। इसमें एक दूधमुंहे बच्चे की मां ममता...
रांची। संवाददाता
झारखंड की दो महिला मजदूरों को यूपी के देवरिया में अगवा कर लिया गया है। जो अपने परिवार के साथ वापस नहीं लौट पाई। इसमें एक दूधमुंहे बच्चे की मां ममता और दो छोटे बच्चों की मां सालोमी उरांव शामिल हैं। गुरुवार को राज्य सरकार की पहल पर यूपी से 28 बंधुआ मजदूरों को मौर्य एक्सप्रेस से वापस लाया गया। इस समूह में नौ छोटे बच्चे भी शामिल थे। जिन्हें लेने के लिए श्रम विभाग के प्रवासी केंद्र की टीम सहित विधायक बंधु तिर्की और टीएसी के पूर्व सदस्य रतन तिर्की भी पहुंचे थे। जब विधायक मजदूरों से हालचाल ले रहे थे तो समूह के किनारे हटकर खड़ा आशीष उरांव रो रहा था। उसने एक छोटे बच्चे को गोद में ले रखा था और उसके साथ अन्य दो बच्चे और थे।
जब विधायक ने पूछा की-काहे रोते हो। अब तो झारखंड आ गए हो। तब लोहरदगा बेदाल टंगरा टोली निवासी मजदूर आशीष ने खुलासा किया कि वापस लौटने के दो रात पहले मेरी पत्नी सालोमी को किशन नामक एक ड्राइवर उठाकर ले गया। खूब खोजने पर भी वह नहीं मिली। इतने छोटे बच्चों को कैसे रखेंगे। यह समझ नहीं आ रहा है। किसके पास क्या बोल के मदद मांगे। इसके बाद अन्य मजदूरों ने बताया कि इसकी पत्नी के साथ अन्य एक और महिला को उसके बच्चे को अगवा कर कुछ लोग ले गए। इतना सुनते ही विधायक श्रम विभाग के प्रवासी केंद्र के सदस्यों को अविलंब प्राथमिकी दर्ज कर अगवा हुए महिलाओं को वापस लाने की बात कहीं।
शिकायत आने के बाद एक सप्ताह से चल रही थी कार्रवाई
श्रम विभाग के अधीन संचालित फिया फाउंडेशन के प्रवासी केंद्र के कोर्डिनेटर संदीप डुंगडुंग ने बताया कि एक सप्ताह पूर्व से ही प्रवासी मजदूरों को वापस लाने की प्रक्रिया चल रही थी। इन्हें उत्तरप्रदेश के ईंट भट्ठा मालिक धमका कर आने नहीं दे रहा था। जब उनसे बात की गई तो वह मुझे भी धमकी दे रहा था। इसके बाद वहां के डीएम और एसपी से बातचीत हुई। इसके बाद टीम भेजकर उन्हें छुड़ाया गया। वापस लौटे मजदूर सिलागाई, लंडरी, टांगर, मलटी, सोनाचीजी, लोहरदगा, भंडरा, पलमी, बेदाल चापा टोली के निवासी हैं।
एक सप्ताह पूर्व मुझे सूचना मिली थी। हमारे प्रदेश के प्रवासी लौटे। परंतु प्रदेश की महिला मजदूर को अगवा किया जाना चिंतनीय है। यह राज्य सरकार के लिए चुनौती है। डीजीपी को संज्ञान लेकर अविलंब कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही प्रवासी मजदूर बाहर न जाए। इसके लिए ठोस योजना बनाना होगा। इसमें सरकारी सहित गैर सरकारी संगठनों को मिलकर काम करना होगा। ऐसा कानून हो कि लोग बिना रजिस्ट्रेशन के बाहर न जाए।
- बंधु तिर्की, विधायक, मांडर
झारखंड के अन्य महिलाओं व मजदूरों के साथ दूसरे राज्यों में भी ऐसा ही शोषण होता होगा। दो महिलाओं को अगवा करने का मामला सामने आया है। परंतु कई मामलों का पता ही नहीं चल पाता हैं। अब सभी को इन प्रवासी मजदूरों के लिए ठोस पहल करने की जरूरत है।
- रतन तिर्की, पूर्व सदस्य, टीएसी, झारखंड सरकार।