ट्रैफिक पुलिस की नाकामी : फर्जी नंबर वाले दौड़ रहे वाहन, एक दर्जन शिकायतें आईं
रांची में वाहनों पर फर्जी नंबर प्लेट लगाकर असामाजिक तत्वों ने यातायात नियमों का उल्लंघन किया है। पुलिस को असली वाहन मालिकों की कई शिकायतें मिली हैं, जिन्हें चालान किया गया है। ट्रैफिक एसपी ने सख्त...

शाहीन अहमद रांची। वाहनों पर फर्जी नंबर प्लेट लगाकर शहर में असामाजिक तत्वों के साथ आम लोग भी धड़ल्ले से घूम रहे हैं। चालान से बचने के लिए वाहनों के नंबर के कुछ डिजिट या तो मिटा दिए जा रहे हैं या उसमें हेरफेर किया जा रहा है। बावजूद इसके पुलिस ऐसे लोगों को पकड़ तक नहीं पा रही। इससे यातायात पुलिस के बड़े-बड़े दावे तो फेल हो रही हैं, कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। वाहन के नंबरों की इस हेराफेरी में असली वाहन मालिक चालान की जद में आ रहे हैं। इससे पुलिस के दावों की हकीकत भी सामने आ गई है।
यातायात विभाग को हाल के दिनों में एक दर्जन से ज्यादा ऐसी शिकायतें मिली हैं, जिनमें असली नंबर वाले वाहन मालिकों का चालान काट दिया गया है। ऐसे लोगों की शिकायत है कि संबंधित स्थान पर वे वाहन लेकर गए ही नहीं थे। हालांकि जांच में पता चला है कि असामाजिक तत्व फर्जी नंबर प्लेट लगाकर यातायात नियमों की खुलेआम खिल्ली उड़ा रहे हैं। डीएसपी को सख्त कार्रवाई करने के निर्देश इस तरह के गंभीर मुद्दे पर अब ट्रैफिक एसपी राकेश सिंह ने ट्रैफिक डीएसपी और संबंधित थानेदारों के साथ बैठक की। उन्होंने ऐसे वाहन चालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की हिदायत दी है। धरपकड़ के लिए विशेष अभियान भी चलाने को कहा है। उन्होंने कहा कि यह कानून का उल्लंघन है। इससे आम जनता परेशान हो रही है। ट्रैफिक एसपी ने सभी डीएसपी को इस मामले का वर्कआउट कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। पुलिस अपने ही तंत्र से खा रही धोखा ट्रैफिक एसपी ने बताया कि कुछ मामलों में सीसीटीवी फुटेज खंगालने पर सामने आया कि नंबर प्लेट की डिजाइन और फॉन्ट में बदलाव कर असली नंबर से मिलती-जुलती फर्जी प्लेट लगाई गई थी, जिससे ट्रैफिक कैमरों को धोखा देना आसान हो गया। अभियान के तहत होगी सघन जांच ट्रैफिक पुलिस अब शहर के विभिन्न चौराहों, व्यस्त सड़कों और प्रवेश द्वारों पर विशेष चेकिंग अभियान चलाएगी। हर वाहन की नंबर प्लेट को स्कैन कर उसकी आरटीओ से जानकारी मिलाई जाएगी। जिन वाहनों की नंबर प्लेट में गड़बड़ी पाई जाएगी, उनके खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज की जाएगी और वाहन जब्त किया जाएगा। इसके अलावा नंबर प्लेट बनाने वाली दुकानों की भी जांच की जाएगी कि वे बिना वैध दस्तावेज के नंबर प्लेट तो नहीं बना रहे हैं। यदि किसी दुकान पर बिना अनुमति के नंबर प्लेट बनाते पाया गया, तो उसके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जागरुकता अभियान भी शुरू होगा ट्रैफिक विभाग आम लोगों को जागरूक करने के लिए सोशल मीडिया, पोस्टर और बैनरों के माध्यम से एक अभियान शुरू करेगा। वाहन मालिकों से अपील की जाएगी कि वे अपने वाहन की नंबर प्लेट की समय-समय पर जांच करें और किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें। गाड़ी का नंबर बदलने से लोगों को परेशानी अपराधी देते हैं स्नैचिंग की घटना को अंजाम फर्जी नंबर प्लेट का इस्तेमाल ज्यादातर अपराधी कर रहे हैं। स्नैचिंग की घटना को अंजाम देने के लिए स्नैचर अपनी बाइक में फर्जी नंबर प्लेट का इस्तेमाल करते हैं। ताकि पुलिस न तो उन्हें पकड़ पाए और न ही उनकी बाइक की पहचान हो सके। रांची पुलिस की जांच में भी इस बात का खुलासा हुआ है। कई स्नैचरों को पुलिस ने पकड़कर जेल भी भेजी है। कड़ी सजा का प्रावधान ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों के अनुसार, मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 420, 468 और 471 के तहत फर्जी नंबर प्लेट लगाना एक दंडनीय अपराध है, जिसमें तीन से सात साल तक की सजा हो सकती है। साथ ही दोषी व्यक्ति पर भारी जुर्माना भी लगाया जाएगा।
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