छात्राओं को मिला सोहराय और कोहबर कला का प्रशिक्षण
रांची में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र और रांची वीमेंस कॉलेज के सहयोग से आयोजित सात दिवसीय सोहराय और कोहबर कला कार्यशाला का समापन हुआ। लोक कलाकारों ने छात्राओं को पारंपरिक तकनीकों की जानकारी दी।...

रांची, विशेष संवाददाता। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, क्षेत्रीय केंद्र रांची और रांची वीमेंस कॉलेज की ओर से झारखंड की सोहराय और कोहबर कला पर आधारित सात दिवसीय कार्यशाला का समापन शुक्रवार को कॉलेज के साइंस ब्लांक परिसर में हुआ। इसमें फैशन डिजाइनिंग विभाग और गृह विज्ञान विभाग के स्नातक व स्नातकोत्तर छात्राओं ने भाग लिया। इस कार्यशाला में हजारीबाग, जोराखाट गांव से आए चार लोक कलाकारों ने छात्राओं को सोहराय और कोहबर कला की पारंपरिक तकनीकों व सांस्कृतिक महत्व का प्रशिक्षण दिया। यह प्रशिक्षण छात्राओं के लिए कलात्मक कौशल में वृद्धि का अवसर बना। समापन समारोह में मुख्य अतिथि लोक कलाकार पद्मश्री मधु मंसूरी हंसमुख ने सभी कलाकारों को सम्मानित किया और प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र दिया।
उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति अपने समय का सदुपयोग करता है, तो वह निश्चित रूप से सफलता की ऊंचाइयों को छू सकता है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति ऐसा कार्य अवश्य करना चाहिए कि वह जीवन के पश्चात भी स्मरणीय बना रहे। उन्होंने अपने लोकप्रिय गीत- गांव छोड़ब नहीं..., की प्रस्तुति देकर छात्राओं में नया जोश भरा। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, क्षेत्रीय केंद्र रांची के निदेशक डॉ संजय कुमार झा ने छात्राओं से कहा कि कार्यशाला में जो कुछ भी सीखा है, उसे अपने जीवन में सकारात्मकता से लें और लोगों को भी सिखाएं। कार्यक्रम में फैशन डिजाइनिंग विभाग की सहायक प्राध्यापक डॉ हर्षिता सिन्हा, कार्यशाला की समन्वयक सुमेधा सेनगुप्ता सहित प्रतिभागी और छात्राएं उपस्थित थीं।
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