मां भगवती चिंतामणि की निकली शोभायात्रा
रांची में मां भगवती चिंतामणि की पारंपरिक शोभायात्रा निकाली गई। भक्तों ने देवी को प्राचीन देवीघर में विराजमान किया। महासप्तमी पूजा के दौरान मानव पत्रिका देवी को भी बकरे की बलि अर्पित की गई। यह पूजा...

रांची। संवाददाता ऐतिहासिक ठाकुर निवास बड़कागढ़ से सोमवार को मां भगवती चिंतामणि की पारंपरिक शोभायात्रा निकाली गई। ढाक, ढोल, शंख और मंगलेश्वर ध्वनियों के बीच भक्तों के जयकारों के साथ देवी को प्राचीन देवीघर ले जाकर विराजमान किया गया। इसके बाद परंपरा अनुसार मानव पत्रिका देवी, जो नौ किस्म के पत्तों से निर्मित होती है, को डोली में बैठाकर छोटानागपुर से आनी मौजा स्थित प्राचीन देवीघर ले जाया गया। वहां राजपुरोहित द्वारा उनका अभिरभाव कराया गया। इस अवसर पर महासप्तमी पूजन में मानव पत्रिका देवी और मां भगवती चिंतामणि दोनों को बकरे की बलि अर्पित की गई। पूजन के दौरान सप्तमी तिथि के अनुरूप मां की सात आरतियां उतारी गईं।
तत्पश्चात मंगल आरती, स्तुति और भक्ति-भाव से अनुष्ठान सम्पन्न हुए। सभी श्रद्धालुओं के बीच पश्चात (प्रसाद) का वितरण किया गया। पूजा अनुष्ठान के यजमान ठाकुर सुधांशु नाथ शाहदेव रहे। कार्यक्रम में बड़कागढ़ स्टेट, जगन्नाथपुर राजपरिवार, लटमा राजपरिवार एवं आसपास के ग्रामीण बड़ी संख्या में शामिल हुए। गौरतलब है कि यह पारंपरिक पूजा सन 1880 से आयोजित की जा रही है। बड़कागढ़ स्टेट की तांत्रिक परंपरा के अनुसार पूजा संपन्न होती है। मां चिंतामणि को बड़कागढ़ की इष्ट देवी के रूप में पूजा जाता है, जिनकी आराधना रात्रगढ़, पालकोट और अन्य शाहदेव परिवारों के राजवंशों में भी होती है।
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