सावन का दूसरा सोमवार: इस दिन का व्रत राजकीय कार्यो में सफलता दिलाएगा
सावन के दूसरे सोमवार को भी शिवालयों में बाबा भोले के भक्तों की टोली जल अर्पण के लिए उमड़ रही है। रात से मंदिरों के बाहर भक्त लाइन में खड़े हैं। बाबा भोले को सावन और भक्तों से बड़ा लगाव है। भक्त...
सावन के दूसरे सोमवार को भी शिवालयों में बाबा भोले के भक्तों की टोली जल अर्पण के लिए उमड़ रही है। रात से मंदिरों के बाहर भक्त लाइन में खड़े हैं। बाबा भोले को सावन और भक्तों से बड़ा लगाव है। भक्त भी बाबा पर न्योछावर होने के लिए उतावले हैं। रांची के पहाड़ी मंदिर सहित प्रमुख शिवालयों में सोमवारी के लिए खास तैयारियां की गई हैं। सजावट के साथ-साथ भोले बाबा के जयकारे और गीत रविवार की रात से ही गूंजने लगे।
वहीं, पहाड़ी मंदिर का माहौल भी भक्तिमय बन गया। यहां दुकानें सज गयी हैं। बस भक्तों का इंतजार है। सोमवार को जलाभिषेक के लिए रविवार की देर रात से भक्त जल लेने के लिए नामकुम स्वर्णरेखा नदी तट पर पहुंचे। वहां पर स्नान एवं पूजा के बाद सभी ने संकल्प लिया और कलशों में जल भरा। नदी तट एवं वहां तक के पहुंच पथ बोल बम के जयकारों से गूंजते रहे। सुबह होते ही भोले के भक्तों की भीड़ शिवालयों की तरफ पहुंचने लगेगी। बुजुर्ग से लेकर बच्चों तक में बाबा भोले रमे हुए हैं।
पहाड़ी बाबा के दर्शन-पूजा का समय
दूसरी सोमवारी को भी पहाड़ी बाबा के दर्शन एवं पूजा के लिए समय पूर्ववत रहेगा। सुबह 3.30 बजे मुख्य द्वार और मंदिर के पट खुल जाएंगे। नित्य सरकारी पूजा, आरती और भोग चढ़ाने के साथ शाम पांच बजे तक भक्त जलाभिषेक कर सकेंगे। शाम पांच बजे के बाद मंदिर के पट बंद हो जाएंगे। नयनाभिराम शृंगार, महाआरती के बाद रात 8.30 बजे पट बंद हो जाएंगे।
इन शिवालयों में भी होगा जलाभिषेक
दूसरी सोमवारी के मौके पर विभिन्न शिवालयों में विशेष अनुष्ठान होंगे। कोकर शिव मंदिर, पिस्का मोड़ विश्वनाथ मंदिर, चुटिया प्राचीन श्रीराम मंदिर शिवालय, हिनू के शिवपुरी स्थित महामृत्युंजय महादेव मंदिर, डोरंडा के जैप एक परिसर में त्रिपुरेश्वर महादेव मंदिर, हिनू के न्यू एजी पीएचडी कॉलोनी परिसर में मनोकामना वाले महादेव मंदिर,अरगोड़ा बस्ती के बूढ़ा महादेव मंदिर, चुटिया के महादेव स्थल, हटिया गुड्स शेड परिसर में बाबा हटेश्वरनाथ मंदिर, कोकर चौक स्थित वीर हनुमान मंदिर में भक्त जलाभिषेक करेंगे।
दूसरी सोमवारी का महत्व
सावन का आज दूसरा सोमवार है। इस दिन अष्टमी तिथि, अश्विनी नक्षत्र और धृति योग है। स्वामी चंद्रमा राज्य स्थान में है, इस दिन का व्रत राजकीय कार्यो में सफलता दिलाएगा। दूसरे सोमवार को उपवास रख शिव की आराधना करने वालों को काफी सफलता मिलेगी। उपवास के बाद शिवपुराण, शिवलीलामृत, शिव कवच, शिव चालीसा, शिव पंचाक्षर मंत्र, शिव पंचाक्षर स्तोत्र, महामृत्युंजय मंत्र का पाठ और जाप करने से श्रेष्ठ फल प्राप्त होगा।