ओरमांझी के तीन मजदूर उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सुरंग निर्माण में मिट्टी धंसने से फंसे
रविवार की सुबह देश भर में लोग दीपावली का त्योहार मनाने की तैयारी कर रहे थे। उधर, उत्तराखंड के उत्तरकाशी में पांच से छह बजे के बीच निर्माणाधीन सुरंग...

ओरमांझी, प्रतिनिधि।
रविवार की सुबह देश भर में लोग दीपावली का त्योहार मनाने की तैयारी कर रहे थे। उधर, उत्तराखंड के उत्तरकाशी में पांच से छह बजे के बीच निर्माणाधीन सुरंग में रांची जिले के ओरमांझी प्रखंड के खीराबेड़ा गांव के तीन मजदूर सहित कुल 41 मजदूरों के फंसे होने की सूचना मिली। जिस समय सुरंग में घटना हुई उससे पहले शनिवार को 70 मजदूर काम करने गए थे। घटना से कुछ समय पहले शौच और अन्य काम के लिए कुछ मजदूर बाहर निकल गए थे। इसकी जानकारी फंसे मजदूरों के साथ काम करने गए खीराबेड़ा निवासी नरेश बेदिया ने हिन्दुस्तान से बात करते हुए कही। उसने बताया कि सभी लोग सुरक्षित हैं, प्रशासन के लोग मिट्टी हटाने का काम कर रहे हैं। घटना की जानकारी ग्रामीणों को मिल गई है। हालांकि परिजनों को घटना की जानकारी रविवार की शाम लगभग छह बजे हुई। सुरंग में फंसे तीनों मजदूरों के घरवाले परेशान हैं। परिजनों को बताया गया है कि तीनों मजदूर ठीक हैं। फंसे मजदूरों में अधिकांश एक नवंबर को काम करने गए थे। ओरमांझी प्रखंड के खीराबेड़ा गांव से नौ मजदूर काम करने के लिए गए थे। इनमें छह मजदूर एक नवंबर को गए थे। सुरंग में फंसे अनिल बेदिया और ब्रजकिशोर बेदिया छह माह से अधिक समय से वहां काम कर रहे थे। इन्हीं दोनों मजदूरों ने काम करने के लिए अन्य मजदूरों को बुलाया था। कई मजदूरों के माता-पिता ने काम करने के लिए जाने से रोका था। लेकिन राजेंद्र और सुखराम माता-पिता की बात काटकर चले गए। यह कहना है दोनों के परिजनों का।
खीराबेड़ा गांव से ये मजदूर गए हैं काम करने
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बन रही सुरंग में काम करने के लिए ओरमांझी के खीराबेड़ा गांव से कुल नौ मजदूर गए हैं। इसमें सुरंग में फंसे मजदूरों में चरकू बेदिया का पुत्र अनिल बेदिया, श्रवण बेदिया का पुत्र राजेंद्र बेदिया, बढ़न बेदिया का पुत्र सुखराम बेदिया शामिल हैं। इसके अतिरिक्त बिहारी बेदिया का पुत्र नरेश बेदिया, अघनू बेदिया का पुत्र बज्रकिशोर बेदिया, जगनू बेदिया का पुत्र राजू बेदिया, सैंडिल का पुत्र कृष्णा मुंडा, लोदो बेदिया का पुत्र रवि बेदिया और सोहराई बेदिया का पुत्र शंकर बेदिया काम करने गए हैं।
सुरंग में फंसे अनिल बेदिया की मां का कहना
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बन रही सुरंग में फंसे खीराबेड़ा गांव निवासी अनिल की मां संजू देवी ने कहा कि हमारे तीन पुत्र और एक पुत्री हैं। बड़ा बेटा अनिल उसके बाद सुनील और सिकंदर हैं। बड़ा बेटा अनिल पहले दूसरी जगह काम करता था। छह माह पहले उत्तराखंड गया था और वहां काम कर रहा था। उत्तराखंड जब से गया था तब से लौटकर नहीं आया है। कभी पैसे की जरूरत होती थी तो मांगने पर वह भेज देता है। दो दिनों से बात नहीं हुई है, इतवार की शाम पता चला कि काम के दौरान मिट्टी धंसने से बेटा फंसा हुआ है। उसके बाद से किसी काम में मन नहीं लग रहा है। भगवान से प्रार्थना करते हैं कि बेटा सही सलामत घर आए।
राजेंद्र के पिता श्रवण बेदिया का कहना
सुरंग में राजेंद्र के फंसे होने की संबंध में पूछने पर राजेंद्र के पिता श्रवण बेदिया ने बताया कि इसी महीने की एक तारीख को बेटा काम करने के लिए गया था। रविवार की शाम पता चला कि बेटा सुरंग बनाने में फंस गया है। उसने यह बताया कि उसके साथ और लोग काम करते हैं उन्हीं लोगों ने गांव के युवकों को इसकी जानकारी दी। उसके बाद हम सभी को पता चला, घर में सभी लोग चिंतित हैं। भगवान बेटे को जल्द से जल्द बाहर निकाले।
सुखराम के पिता बढ़न बेदिया का कहना
सुखराम के पिता बढ़न बेदिया कहां कि जब बेटा काम करने जा रहा था उसी समय मैंने रोका था कि बाहर काम करने के लिए नहीं जाना है। गांव में ही बहुत काम है यही करो। लेकिन वह अपने अन्य साथियों के साथ एक नवंबर को चला गया। घटना की जानकारी दिवाली के दिन शाम को मिली है। वहां उसके साथ गए लोगों से बात हो रही है वे लोग बता रहे हैं कि सभी ठीक हैं। आगे भगवान ही मालिक। वहीं सुखराम के भाई मनोज ने बताया कि उसके साथ काम कर रहे नरेश से बात हुई है उसने बताया है कि सभी ठीक हैं घबराने की कोई बात नहीं है, जल्द लोग बाहर निकाल लिए जाएंगे।
घटनास्थल से मजदूर नरेश बेदिया की जुबानी
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सुरंग में काम करने गए खीराबेड़ा गांव निवासी नरेश बेदिया जो घटनास्थल पर ही है। उन्होंने हिन्दुस्तान को फोन पर बताया कि अपने गांव से नौ लोग काम करने आए हुए हैं। हमारे गांव के तीन युवक फंसे हैं, परंतु सभी सुरक्षित हैं। जिस ठेकेदार के अधीन हम लोग काम करते हैं उनके 10 मजदूर सुरंग में फंसे हैं। उत्तराखंड प्रशासन सभी को ऑक्सीजन, खाना और पानी पाइप के माध्यम से पहुंचा रहा है। मिट्टी हटाने का काम काफी तेजी से चल रहा है जैसे ही रास्ता खुलेगा सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा। मिट्टी जहां धंसी है वहां से 500 से 600 मीटर आगे वे लोग फंसे हैं। काम करने के लिए सुरंग में 70 मजदूर गए हुए थे, इसमें 41 मजदूर फंसे हैं। बाकी मजदूर घटना से पहले शौच और अन्य कामों के लिए बाहर निकल गए थे। उसने बताया कि चिंता की कोई बात नहीं है। जैसे ही रास्ते से मिट्टी हटा दी जाएगी, सभी लोग को बाहर निकाल लिया जाएगा।
