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इस गर्मी पंचायत के लोगों को नए चापाकल से नहीं मिल पाएगा पानी

इस गर्मी में सूबे के 4562 पंचायतों के लोगों को इस नए चापाकल से पानी मिलना संभव नहीं है। करीब 200 करोड़ रुपए के तहत हर पंचायत में पांच चापाकल लगाने की योजना शुरू करनी...

इस गर्मी पंचायत के लोगों को नए चापाकल से नहीं मिल पाएगा पानी
हिन्दुस्तान टीम,रांचीThu, 21 May 2020 07:07 PM
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इस गर्मी में सूबे के 4562 पंचायतों के लोगों को इस नए चापाकल से पानी मिलना संभव नहीं है। करीब 200 करोड़ रुपए के तहत हर पंचायत में पांच चापाकल लगाने की योजना शुरू करनी थी। लेकिन अभी तक यह योजना शुरू नहीं हो पायी है। विभाग द्वारा अभी तक चापाकल लगाने के लिए स्थल निरीक्षण तक काम पूरा नहीं हुआ है। दूसरी ओर माननीयों से अभी तक किसी भी पंचायत में चापाकल लगाने के लिए सुझाव तक विभाग को नहीं मिल पाया है। गर्मी को ध्याम में रखते हुए इस कोरोना काल के संकट में भी चापाकल लगाने के लिए विभाग ने पिछले माह ही बैठक की थी। लेकिन काम की रफ्तार नहीं बढ़ पायी।

कोरोना संकट का हवाला दे रहा विभाग:

काम पूरा नहीं होने के पीछे कोरोना संकट का हवाला दिया जा रहा है। जबकि जलापूर्ति को अति आवष्यक कार्यों में रखा गया है। इसके बाद भी चापाकल मरम्मति का कार्य जारी है। गांवों मंे भी लोग जागरूक हो चुके हैं और जो गांव कोरोना संक्रमण को देखते हुए बंद किए गए थे उसे भी अब खोल दिया गया है ताकि पेयजल को लेकर मरममति का काम बाधित ना हो। लेकिन नए चापाकल लगाने की दिषा में कोई ठोस काम नहीं हो पाया है। मालूम हो कि नई राज्य सरकार ने अपने बजट में घोषणा की थी कि प्रत्येक पंचायत के लिए पांच चापाकल लगेंगे। ताकि भू-गर्भ जल का दोहन एक सीमा के भीतर ही हो। पंचायत स्तर पर चापाकल व कुएं के निर्माण के लिए कुल 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में पीवीटीजी योजना के तहत 2251 टोलों में सौर ऊर्जा आधारित मिनी जलापूर्ति योजनाओं का निर्माण अगले वित्तीय वर्ष तक पूरा कर लेने की बात कही गई थी, जो भी पूरा होना मुम्किन नहीं दिख रहा है।

राज्य में पानी की गुणवक्ता:

राज्य के 625 टोले फ्लोराइड से प्रभावित हैं। एक दर्जन से अधिक जगहों के पानी में आर्सेनिक की मात्रा अधिक है। इन सभी समस्याओं को देखते हुए जलापूर्ति की योजनाओं पर गति देने की भी बात कही गई थी।

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