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नया प्रतीक चिन्ह राज्य की पहचान और स्वाभिमान से जुड़ा है : राज्यपाल

नया प्रतीक चिन्ह राज्य की पहचान और स्वाभिमान से जुड़ा है : राज्यपाल। नया प्रतीक चिन्ह राज्य की पहचान और स्वाभिमान से जुड़ा है :...

नया प्रतीक चिन्ह राज्य की पहचान और स्वाभिमान से जुड़ा है : राज्यपाल। नया प्रतीक चिन्ह राज्य की पहचान और स्वाभिमान से जुड़ा है :...
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हिन्दुस्तान टीम,रांचीFri, 14 Aug 2020 11:41 PM
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राज्य के प्रतीक चिन्ह से हमारी पहचान और स्वाभिमान जुड़े होते हैं। पूर्व में भी राज्य का प्रतीक चिन्ह था, लेकिन सरकार ने नये प्रतीक चिन्ह की परिकल्पना की है। संभवत: इसका उद्देश्य झारखंड की विराट संस्कृति के साथ जनहित की विचारधारा को इंगित करना है। ये बातें राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कही। वह झारखंड का नया प्रतीक चिन्ह जारी करने के लिए आर्यभट्ट सभागार में शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थीं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नये प्रतीक चिन्ह का अनावरण किया। इसे राज्यपाल, विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो, सांसद शिबू सोरेन ने जारी किया। सीएम सोरेन ने मंत्री रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता, चंपई सोरेन, सत्यानंद भोक्ता को प्रतीक चिन्ह भेंट किया।

राज्यपाल ने कहा कि झारखंड में लोग प्रकृति की आराधना करते हैं। प्राकृतिक सौन्दर्य से सुशोभित एवं खनिज संपदा से परिपूर्ण झारखंड की विश्व में विशिष्ट पहचान है। यहां के लोग मेहनती हैं, यहां की कला-संस्कृति अत्यन्त समृद्ध है। इस प्रतीक चिह्न को लेकर लोगों से भी राय ली की गई है। इस तरह इसे राज्य की जनता की संवेदनाओं से जोड़ने की पहल की गई। उन्होंने कहा कि नये प्रतीक चिन्ह में झारखंड की संस्कृति, सभ्यता के साथ-साथ पूरे भारत की भावनाओं को भी समाहित किया गया है। झारखंड की पावन भूमि भगवान बिरसा मुण्डा, सिदो-कान्हू सहित अनेक महान वीर सपूतों के बलिदान की गवाह रही है।

कोरोना जांच में तेजी, रिपोर्ट में देरी पर ध्यान दें : राज्यपाल

राज्यपाल ने कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढ़ी है। केन्द्र सरकार ने सभी दुकानदारों, फल एवं सब्जी विक्रेताओं की कोरोना जांच कराने के लिए कहा है। इसे जल्द करना होगा ताकि कम्युनिटी ट्रांसमिशन को रोका जा सके। हमें जांच में और तेजी लानी होगी। रिपोर्ट में विलंब की ओर भी ध्यान देना होगा। राज्यपाल ने कहा कि लोग कोरोना योद्धा, डॉक्टर और पारा मेडिकल स्टाफ में ईश्वर का रूप देखते हैं। कहा भी जा रहा है कि ईश्वर अभी मंदिरों में नहीं अस्पतालों में मरीजों का उपचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि संक्रमण की चुनौती से निपटने के साथ दिहाड़ी और ग्रामीण मजदूरों के रोजगार की ओर भी ध्यान देना होगा। लोग आर्थिक तंगी का सामना न करें, ऐसी परिस्थिति न आने दें।

झारखंड सामूहिकता में विश्वास रखता है : हेमंत

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि देश की आजादी में झारखंड के भूमि पुत्रों ने लंबा संघर्ष किया। आजादी के बाद नए भारत के नवनिर्माण में झारखंड महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यहां के श्रमिक अपने श्रम से अन्य राज्यों में समृद्धि ला रहें हैं। आदिवासी बहुल यह राज्य सदैव सामूहिकता में यकीन रखता है। यह सब राज्य के नए प्रतीक चिन्ह में दर्शाया गया है। प्रतीक चिन्ह पूरे झारखंड की भावना को प्रतिबिंबित करता है।

नए प्रतीक चिन्ह की खासियत

चौकोर की जगह चक्रकार विन्यास विकास के गतिमान पहिये का सूचक है।

अशोक स्तंभ : राष्ट्र का प्रतीक चिन्ह होने के साथ राज्य की संप्रभुता का वाहक। इस चिन्ह का तात्पर्य झारखंड भी देश की समृद्धि में भागीदार है। झारखंड के जीवन दर्शन को इसमें समेटा गया है।

सौरा चित्रकारी : झारखंड की समृद्ध एवं अद्भुत सांस्कृतिक विरासत, सदियों पुरानी परंपरा, वाद्ययंत्र, गीत और नृत्य की अमिट छाप को प्रतिबिंबित करता है।

पलाश के फूल : राज्य का राजकीय पुष्प। इसके सुर्ख लाल रंग के फूल झारखंड के सौंदर्य की गाथा कहते हैं। लाल रंग क्रांति का प्रतीक भी है जो यहां के लोगों के संघर्ष को दर्शाता है। फूल के नीचे काला रंग खनिज संपदा का सूचक है।

हरा रंग : झारखंड की हरियाली से आच्छादित धरा व वन संपदा की परिपूर्णता को दर्शाता है। यह खुशहाली और समृद्धि का प्रतीक।

हाथी : राज्य के राजकीय पशु हाथी को दिखाया गया है। यह राज्य की अलौकिक प्राकृतिक संपदा, समृद्धि और ताकत का द्योतक है। हाथी अनुशासन प्रिय भी होते हैं। ऐसे ही यहां के लोग भी अनुशासन प्रिय हैं।

मौके पर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, पुलिस महानिदेशक एमवी राव, प्रधान सचिव हिमानी पांडे, मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद, मुख्यमंत्री के वरीय आप्त सचिव सुनील श्रीवास्तव व अन्य उपस्थित थे।

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