झारखंड में मतदान की स्याही से पड़ेगी कोरंटाइन की छाप
झारखंड के कोरोना संदिग्धों की बांह पर अब मतदाताओं की अंगुलियों पर लगने वाली अमिट स्याही से क्वारंटाइन की छाप पड़ेगी। इसके बाद होम क्वारंटाइन या अस्पताल से बाहर सार्वजनिक स्थलों पर क्वारंटाइन रह रहे...
झारखंड के कोरोना संदिग्धों की बांह पर अब मतदाताओं की अंगुलियों पर लगने वाली अमिट स्याही से क्वारंटाइन की छाप पड़ेगी। इसके बाद होम क्वारंटाइन या अस्पताल से बाहर सार्वजनिक स्थलों पर क्वारंटाइन रह रहे लोगों के लिए पहचान मिटाना मुश्किल होगा। चुनाव आयोग की अनुमति मिलने के बाद राज्य सरकार ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। विभिन्न जिलों में विधानसभा चुनाव से बची अमिट स्याही की खोजबीन शुरू हो गई है।राज्य सरकार आगे जरूरत पड़ने पर भारत सरकार की मैसूर स्थित कंपनी से भी अमिट स्याही मंगाने के लिए संपर्क कर सकती है। चुनाव आयोग की हरी झंडी के कारण वहां से उपलब्ध करना मुश्किल नहीं होगा। इससे पहले आयोग ने नोटबंदी के समय बैंकों की ओर से इसके उपयोग पर पाबंदी लगा दी थी। स्वास्थ्य विभाग ने भी क्वारंटाइन का छाप देने में सामान्य स्याही का उपयोग नहीं करने की हिदायत दी है। अमिट स्याही का उपयोग करने के लिए कहा है।अभी इंक-पैड से मारे जा रहे मुहरअभी प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में सामान्य दिनों में काम आने वाले इंक पैड से कोरोना संदिग्धों की बांह पर क्वारंटाइन के मुहर मारे जा रहे हैं। कई स्थानों पर इनके अपने आप मिट जाने या संदिग्धों की ओर से मिटाए जाने की शिकायत मिली है। कई जगह दूसरे प्रकार की पक्की स्याही का भी उपयोग किया जा रहा है। क्वारंटाइन का छाप देने में चुनाव आयोग की अमिट स्याही का उपयोग नहीं शुरू हुआ है।लापरवाही से बढ़ सकता है संक्रमणझारखंड में अभी तक डेढ़ लाख लोग होम क्वारंटाइन में हैं। ऐसे लोगों का 14 दिनों तक आमजनों से दूर रहना बेहद जरूरी है। अगर इसमें लापरवाही हुई तो संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ सकता है। आम लोगों के बीच कोरोना संदिग्धों की पहचान के लिए उनकी हाथ पर क्वारंटाइन की छाप का बने रहना आवश्यक है।प्रदेश में बची है अमिट स्याही की आठ हजार शीशीझारखंड में विधानसभा चुनाव के बाद अमिट स्याही की आठ हजार शीशी बचे होने के अनुमान हैं। इनसे दो लाख से अधिक लोगों की बांह पर क्वारंटाइन की मुहर पड़ सकती है। इनमें से चार हजार शीशी मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के स्टॉक में है। बाकी जिलों के निर्वाचन कोषांग के पास है।