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रांची में बंद का मिला जुला असर, लंबी दूरी की बसें नहीं चलीं

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर बुलाई गई बंद का रांची में मिलाजुला असर रहा। शहर के बड़े व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे, लेकिन ऑटो, सिटी बस और आवागमन के सभी साधन चलते रहें। दिन में चलने...

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हिन्दुस्तान टीम,रांचीMon, 10 Sep 2018 08:54 PM
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पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर बुलाई गई बंद का रांची में मिलाजुला असर रहा। शहर के बड़े व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे, लेकिन ऑटो, सिटी बस और आवागमन के सभी साधन चलते रहें। दिन में चलने वाली लंबी दूरी की बसें नहीं खुलीं। दोपहर बाद बंद का कोई असर नहीं दिखा और दिनचर्या सामान्य हो गई। शहर के किसी भी इलाके में तोड़- फोड़ नहीं हुई। एक - दो स्थानों पर टायर जला कर सड़क अवरूद्ध करने का प्रयास किया गया। बंद समर्थक सड़कों पर तो उतरे, लेकिन उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। 
अदालतों समेत सभी सरकारी दफ्तरों में उपस्थिति सामान्य रही। कामकाज पर कहीं असर नहीं पड़ा। सुबह दस बजे तक शहर की स्थिति आम दिनों की तरह रही। दस बजे के बाद बंद समर्थक अलग- अलग इलाके से निकले। जुलूस के कारण शहर में जाम की स्थिति भी हुई। बंद समर्थकों को गिरफ्तार कर कैंप जेल ले जाया गया। शाम पांच बजे के बाद उन्हें निजी बांड पर छोड़ दिया गया। 
नहीं खुली बसें, स्टैंड रहे वीरान
पेट्रोलियम उत्पाद की कीमतों के विरोध में सोमवार को बंद का राजधानी के बस अड्डों पर असर दिखा। शहर के दो प्रमुख बस अड्डों बिरसा बस स्टैंड एवं आइटीआइ स्टैंड समेत स्टेशन रोड स्थित सरकारी बस डिपो से दिन में बसें नहीं खुलीं। बसों के नहीं खुलने से बड़ी संख्या में यात्री अपने गंतव्य तक नहीं जा सके। स्टैंड में बस की प्रतीक्षा में दिनभर यात्री यहां-वहां घूमते रहे। कांटाटोली स्थित बिरसा बस पड़ाव से रामगढ़, हजारीबाग, गिरिडीह, कोडरमा, खूंटी, चाईबासा, जमशेदपुर, मूरी, सिल्ली, पुरूलिया, धनबाद, बोकारो, सिमडेगा, राउरकेला समेत अन्य स्थान के लिए दिन में एक भी बस नहीं चली। बंद के दौरान तोड़फोड़ से सहमे संचालकों ने बसों का परिचालन बंद रखा। हालांकि राष्ट्रीय राजमार्ग पर दोपहर बाद भारी वाहनों की आवाजाही का क्रम शुरू हो गया था। 
बस स्टैंड में रही वीरानी
रातू रोड के इटकी रोड स्थित आइटीआइ बस स्टैंड से दिन भर स्टैंड सूना रहा। बसों की आवाजाही से गुलजार रहने वाले स्टैंड से एक भी बसें नहीं चली। यहां से गुमला, लोहरदगा, चतरा, पलामू, अम्बिकापुर, राउरकेला, खेलारी, पिरवार, औरंगाबाद, सासाराम तक की बसें खुलती हैं। बंद को लेकर बाहर से भी चालक बस लेकर यहां नहीं पहुंचे। बंद से अनजान बड़ी संख्या में लोग यहां दिन में पहुंचे थे, लेकिन उन्हें गंतव्य तक के लिए बसें नहीं मिलीं। 
दोनों बस स्टैंड से अंतरराज्यीय बस सेवा भी यात्री कम होने की वजह से प्रभावित रहा। इन स्टैंड से रात्रि सेवा में खुलने वाली अंतरराज्यीय बस सेवा भी बंद की वजह से प्रभावित रहे। पटना, सीवान, छपरा, गोपालगंज, हाजीपुर, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, दरभंगा, भागलपुर, गया, जहानाबाद, आरा, बेतिया, मोतीहारी, रक्सौल, पूर्णिया, सिल्लीगुड़ी आदि स्थान तक चलने वाली बसों में अन्य दिनों की अपेक्षा सवारी कम मिले। जिस कारण दर्जनों बसें गंतव्य के लिए नहीं खुलीं। 
लोग रहे परेशान
राजधानी में रोजमर्रा की जरूरतों के लिए बाहर से बड़ी संख्या में लोग आते हैं। खरीदारी से लेकर कमाने के रास्ते राजधानी में खुलते हैं। बंद के कारण लोगों के चेहरों पर परेशानी की ही शिकन रही। बस एवं अन्य छोटे यात्री वाहनों के नहीं चलने से ऐसे यात्रियों को काफी परेशानी हुई। इनमें से ज्यादातर यात्री वैसे थे जो किसी दूसरे स्थान से किसी माध्यम से रांची पहुंचे थे एवं अपने घरों तक पहुंचने के लिए बस पकड़ने स्टैंड आए थे। स्टैंड से जीविका चलाने वाले एजेंट, हॉकर-बुकर भी दिनभर ऐसे ही बैठे रहे। वहां ठेला-खोमचा लगाने वालों ने भी दुकानें नहीं खोली। बसों का परिचालन नहीं होने से दोनों स्टैंड के ठेकेदारों को मासूल के तौर पर हजारों रुपए का नुकसान हुआ। 
 

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