राज्य के जेलों में रिक्त पदों को भरे जाने पर हाईकोर्ट ने मांगी जानकारी
अदालत ने हजारीबाग केंद्रीय कारा के आजादी के पहले के ऐतिहासिक दस्तावेज को संरक्षित करने के लिए अभिलेखागार कब तक बनेगा, इसकी भी जानकारी मांगी है।...
रांची। विशेष संवाददाता
झारखंड हाईकोर्ट ने जेलों के रिक्त पदों पर अनुबंध पर नियुक्ति किए जाने पर नाराजगी जतायी है और कहा है कि जेल जैसे संवेदनशील स्थानों पर अनुबंध पर नियुक्ति क्यों की जा रही है। गुरुवार को एक जनहित याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने सरकार को यह बताने को कहा कि जेलों को रिक्त पद कब तक भरे जाएंगे। पदों को भरने के लिए अब तक क्या प्रक्रिया की गई है। अदालत ने हजारीबाग केंद्रीय कारा के आजादी के पहले के ऐतिहासिक दस्तावेज को संरक्षित करने के लिए अभिलेखागार कब तक बनेगा, इसकी भी जानकारी मांगी है। मामले की अगली सुनवाई 29 अगस्त को होगी।
सुनवाई के दौरान सराकर की ओर से कोर्ट को बताया गया कि हजारीबाग केंद्रीय कारा के ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए आजादी के पहले के रिकॉर्ड को संरक्षित रखने के संबंध में नेशनल आर्काइव के साथ सहमति बनी है। उसकी एजेंसी ऐतिहासिक दस्तावेज को सुरक्षित रखने के लिए हजारीबाग जेल में अभिलेखागार 240 दिन में बनाएगी। राज्य पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन ने हजारीबाग जेल में स्वतंत्रता से संबंधित ऐतिहासिक दस्तावेज रखने के लिए अभिलेखागार बनाने के लिए 3 करोड़ 99 लाख रुपए का प्रोजेक्ट बनाया है। इस प्रोजेक्ट की राशि की स्वीकृति के लिए गृह विभाग को भेज दिया गया है। इस पर कोर्ट ने सरकार से पूछा कि अभिलेखागार बनाने के लिए राशि की स्वीकृति गृह विभाग से कब तक मिल जाएगी और इसका काम कब तक शुरू होगा, इसकी जानकारी भी दी जाए।
कोर्ट को बताया गया कि राज्य के जेलों में चिकित्सक के 42 स्वीकृत पद में से सिर्फ दो पर ही चिकित्सक पदस्थापित हैं। वहीं विशेषज्ञ चिकित्सक के सभी छह पद खाली हैं। पीयूसीएल द्वारा जेल मैनुअल में सुधार से संबंधित जो सुझाव दिए गए हैं, उस पर गृह सचिव, आईजी जेल, विधि सचिव की कमेटी 12 अगस्त को अगली बैठक करेगी। इससे पहले कमेटी की दो बैठक पूर्व में हो चुकी है।
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