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राज्य में फल के इलाके का होगा विस्तार

राज्य में फल के इलाके का होगा विस्तारराज्य में फल के इलाके का होगा विस्तार

राज्य में फल के इलाके का होगा विस्तार
हिन्दुस्तान टीम,रांचीMon, 13 Jul 2020 09:52 PM
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राज्य में फलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए इसकी खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए फल के इलाके का विस्तार किया जाएगा, जिसमें करीब पांच हजार हेक्टेयर अधिक भूमि में फलों की खेती की जाएगी। इन इलाकों के किसानों को विभिन्न तरह के फलों की खेती करने का मौका मिलेगा। कृषि विभाग के अनुसार कोविड अवधि में इस तरह के योजनाओं से रोजगार की भी संभावनाएं बढ़ेंगी और खेती करने के इच्छुक एक बड़े मजदूर वर्ग को भी इससे लाभ मिलेगा। बागवानी निदेशक विजय कुमार बताते हैं कि सामान्य खेती से अलग फलों की खेती से किसानों की आय काफी बढ़ सकती है। अभी कई तरह के नए फलों की खेती झारखंड में शुरू की गई है। इसमें स्ट्रॉबेरी से लेकर सेब तक की खेती शामिल है। जबकि यह फल ठंडे प्रदेशों में ही अभी तक किया जाता रहा है। खेती के लिए भूमि क्षेत्र बढ़ने से उत्पादन में बढ़ोतरी होगी, साथ ही राज्य में फलों में भी आत्मनिर्भर हो सकेगा। --उन्होंने बताया कि अभी मनरेगा के तहत भी फलों के पौधे लगाए जा रहे हैं। यह पहली बार इस तरह की नीति बनायी गई है जिसमें दूसरे पौधों को जगह नहीं दी गई है। सिर्फ फलों के पौधे हर जगह लगाए जा रहे हैं। इससे खेती में लाभ नहीं मिलेगा, लेकिन मजदूरों को इससे रोजगार अवश्य उपलब्ध हो रहा है। इसमें उन्हें फलों के पौधों को भी जगह दी गई है जो सामान्य है। लेकिन उन फलों के पौधों को लगाने की प्राथमिकता दी गई जिनकी पैदावार उस जिले में पहले से बेहतर है। इसे लेकर बिरसा कृषि विवि ने भी सभी जिलों के अनुरूप फल लगाने की सूची विभाग को सौंप चुका है।

इन फलों की खेती पर होगा खास ध्यान: फलों की खेती बढ़ाने के लिए मुख्य रूप से कुछ फलों पर ही ध्यान दिया जाएगा। इनमें पपीता, अमरूद, पाईनएप्पल आदि फलों को रखा गया है। इसके अलावे स्ट्रॉबेरी की खेती को भी बढ़ाया जाएगा। अभी पलामू, गुमला, रांची व लातेहार में स्ट्राॅबेरी की खेती की जा रही है। जिसका विस्तार बाकी बचे जिलों में भी किया जाएगा। साथ ही अन्य फलों की भी खेती होगी जिसकी खेती राज्य में नहीं हो पायी है।

राज्य में 1.4 लाख हेक्टेयर में होती है फलों की खेती:

राज्य में फलों की खेती 1.4 लाख हेक्टेयर भूमि में होती है। इसमें से फलों का उत्पादन 11 लाख मीट्रिक टन तक होता है। इसके अलावा जिन जमीन पर खेती नहीं की जा रही है उसे भी फलों की खेती में इस्तमाल करने की पहल की जा रही है। राज्य में कुल 80 लाख हेक्टेयर भूमि है। इसमें 38 लाख हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि है। कृषि योग्य भूमि में 25 लाख हेक्टेयर भूमि खेती लायक है, इसमें फल से लेकर अन्य सभी तरह की खेती की जाती ह। शेष करीब 13 लाख हेक्टेयर भूमि में खाली है जहां खेती नहीं होती।

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