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सीएम बतायें, ऑक्सीजन के अभाव में राज्य में कितनी मौत हुई : दीपक प्रकाश

-केंद्र सरकार ने हर संभव सहायता दी, राज्य सरकार ने प्रबंधन पर ध्यान नहीं दिया

सीएम बतायें, ऑक्सीजन के अभाव में राज्य में कितनी मौत हुई : दीपक प्रकाश
हिन्दुस्तान टीम,रांचीThu, 22 Jul 2021 09:30 PM
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रांची। हिन्दुस्तान ब्यूरो

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि मुख्यमंत्री ये बतायें कि राज्य में ऑक्सीजन के अभाव में कितने लोगों की मौत हुई हैं। केवल बयानबाजी से सरकार जनता को गुमराह न करे। केंद्रीय मंत्री ने लोकसभा और राज्यसभा में ऑक्सीजन से मौत पर जो बयान दिए हैं, वह देश के विभिन्न राज्य सरकारों से मिली रिपोर्ट के आधार पर दिया है। किसी भी राज्य, जिसमें कई कांग्रेस शासित सरकारें हैं, ने अपने राज्य में ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत की बात स्वीकार नहीं की है।

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा राज्य का विषय है। इसलिये राज्य सरकार की रिपोर्ट को ही बयान में आधार बनाया गया है। झारखंड सरकार को अपनी रिपोर्ट बतानी चाहिये कि उनका आंकड़ा क्या है? उन्होंने केंद्र को क्या रिपोर्ट भेजी है। केंद्र सरकार ने हर संभव सहायता उपलब्ध कराई है। लेकिन, राज्य सरकार ने सुविधाओं के प्रबंधन की ओर कोई ध्यान नहीं दिया। एक साल पूर्व स्वीकृत ऑक्सीजन प्लांट स्थापित नहीं किये गए। वेंटीलेटर को कबाड़ में फेंक दिया गया।

मौत के लिये राज्य सरकार जिम्मेवार

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश भाजपा ने राज्य सरकार के कुप्रबंधन को पहले दिन से ही लगातार उजागर किया है। कोरोना काल में अस्पतालों में बेड का अभाव, आवश्यक दवाइयों की कमी, वेंटिलेटर की कमी, ऑक्सीजन की अनुपलब्धता, रेमडेसिविर इंजेक्शन आदि के विषय पर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया है। लेकिन राज्य सरकार का सिर्फ एक ही एजेंडा है, अपनी नाकामियों को छिपाने के लिये केंद्र पर दोषारोपन करना।

टीकाकरण में भी भ्रम फैलाया

उन्होंने कहा कि झारखंड ने सिर्फ कोरोना के इलाज में लापरवाही नहीं बरती, बल्कि इसके बचाव के लिये चल रहे टीकाकरण अभियान पर भी भ्रम फैलाया। जानबूझकर टीकों की बर्बादी की गई। राज्य टीका बर्बादी में अव्वल राज्य बन गया। आपदा में भी राज्य सरकार जनता की सेवा के बजाए दोषारोपण में व्यस्त रही। सरकार स्वास्थ्य सुविधा देने के बदले कफन बांटने का निर्णय लेती रही।

सस्ती लोकप्रियता इनकी पहचान

उन्होंने कहा कि आज ऑक्सीजन की कमी से मौत पर बयानबाजी करने वाले वही लोग हैं जो केंद्र सरकार के द्वारा भेजे गए ऑक्सीजन ट्रेन को हरी झंडी दिखा रहे थे। पूरे कोरोना संकट में सिर्फ बयानबाजी करने वाले लोगों की पहचान सस्ती लोकप्रियता बटोरने की है।

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