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ऑनलाइन कोर्ट में तकनीकी खामी नहीं बन रही बाधा

लॉक डाउन के शुरूआत से ही झारखंड हाईकोर्ट में मामलों ऑनलाइन मामलों की सुनवाई की जा रही है। जज और वकील अपने घरों से ही वीडियोकांफ्रेंसिंग से सुनवाई कर रहे...

ऑनलाइन कोर्ट में तकनीकी खामी नहीं बन रही बाधा
हिन्दुस्तान टीम,रांचीThu, 25 Jun 2020 10:55 PM
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लॉकडाउन की शुरुआत से ही झारखंड हाईकोर्ट में ऑनलाइन मामलों की सुनवाई की जा रही है। जज और वकील अपने घरों से ही वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई कर रहे हैं। सुनवाई के दौरान लिंक फेल होने या आवाज नहीं सुनायी देने पर मामलों की सुनवाई फोन पर ही की जाती है। हर दिन औसतन पांच मामलों की सुनवाई फोन पर हो रही है। मामलों की सुनवाई में किसी प्रकार का व्यवधान न हो और मामलों का निष्पादन तेजी से हो, इसके लिए यह व्यवस्था की गई है। हाईकोर्ट में अभी सभी मामले ऑनलाइन ही फाइल हो रहे हैं। केस फाइल होने के बाद हाईकोर्ट से एक दिन पहले संबंधित वकीलों को वीडियोकांफ्रेंसिग का लिंक भेजा जाता है। जिस दिन मामले की सुनवार्ई रहती है, उसके आधे घंटे पहले सभी वकीलों से लिंक से जुड़ कर टेस्ट करने को कहा जाता है। यदि कोई परेशानी होती है तो उसका तत्काल समाधान किया जाता है। वकीलों को विकल्प दिया जाता है कि यदि लिंक फेल हो रहा है तो वह फोन से भी सुनवाई कर सकते हैं। जो वकील इसके लिए तैयार होते हैं, उनके मामलों की सुनवाई फोन से ही की जाती है। सुनवाई के दौरान भी अचानक लिंक फेल होने या आवाज गायब होने, तस्वीर साफ नहीं होने जैसी समस्या होने पर कोर्ट मास्टर तत्काल संबंधित वकील को फोन लगाते हैं और जज फोन से ही वकील की दलीलों को सुनते हैं। दूसरे पक्ष की दलील की भी जानकारी जज देते हैं। इसके बाद फोन पर ही वकीलों को बताया जाता है कि अदालत क्या आदेश देने जा रही है। हाईकोर्ट में हेल्प डेस्क भी बनाजिन वकीलों को बेहतर कनेक्टिविटी नहीं मिलती, उनके लिए हाईकोर्ट में हेल्प डेस्क बनाया गया है। यहां के कर्मचारी उनकी समस्याओं को दूर करते हैं। यहां कई कियोस्क भी बनाए गए हैं। इन कियोस्क से भी वकील वीडियो कांफ्रेंसिंग से मामलों की सुनवाई कर सकते हैं। इसके लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता।

मामलों की तेजी से निष्पादन का प्रयास

झारखंड हाईकोर्ट लॉकडाउन में भी मामलों को तेजी से निपटाने का प्रयास कर रहा है। वर्चुअल कोर्ट भी सामान्य दिनों की तरह काम कर रहा है। सुबह 10.30 बजे से अदालत की कार्यवाही शुरू हो जाती है। आपराधिक मामलों की सुनवाई दोनों पाली में हो रही है। कोर्ट शाम 4.30 बजे तक चल रहा है। अगस्त से ओपन कोर्ट शुरू करने की मांगझारखंड के वकील अगस्त से ओपन कोर्ट में सुनवाई शुरू करने की मांग कर रहे हैं। वकीलों का कहना है कि वर्चुअल कोर्ट में होने वाली सुनवाई में मुवक्किल शामिल नहीं हो पाते। ऐसे में वह कई बार वकीलों की दलील पर सवाल भी उठाते हैं। चीफ जस्टिस से अगस्त में ओपन कोर्ट शुरू करने की मांग की जा रही है। इसके लिए जल्द ही प्रस्ताव हाईकोर्ट को सौंपा जाएगा।

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