जहां इंटरनेट नहीं वहां शिक्षकों की बनेगी ऑफलाइन हाजिरी
जिन स्कूलों में इंटरनेट की सुविधा नहीं है वहां के शिक्षकों की ऑफलाइन हाजिरी बनेगी। ऑफलाइन हाजिरी किसी रजिस्टर में नहीं, बल्कि टैबलेट में ही बनेगी। इसके लिए टैबलेट में अलग से विकल्प उपलब्ध कराये गये...
जिन स्कूलों में इंटरनेट की सुविधा नहीं है वहां के शिक्षकों की ऑफलाइन हाजिरी बनेगी। ऑफलाइन हाजिरी किसी रजिस्टर में नहीं, बल्कि टैबलेट में ही बनेगी। इसके लिए टैबलेट में अलग से विकल्प उपलब्ध कराये गये हैं। झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद (जेईपीसी) ने इसके निर्देश सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला शिक्षा अधीक्षक को दे दिये हैं।
शिकायतों के मद्देनजर उठाया गया कदम: जेईपीसी ने यह फैसला बायोमेट्रिक अटेंडेंस बनाने में कई जगहों से आ रही शिकायतों के देखते हुए लिया है। इसके लिए यूजर मैनुवल तैयार किया गया है।
जिन स्कूलों को टैबलेट दिया गया है और उनके यहां इंटरनेट की सुविधा ठीक नहीं रहती है तो उन्हें ऑफलाइन हाजिरी के लिए रजिस्टर कराना होगा। जिन स्कूलों में बायोमेट्रिक के जरिये ऑनलाइन हाजिरी नहीं बन रही है, वहीं इसका पालन किया जायेगा। टैबलेट में ऑथोराइज ऑफलाइन ऑप्शन होगा। इसमें नोडल पदाधिकारी की ओर से सत्यापन के लिए उनका मोबाइल नंबर डाला जायेगा। इससे ओटीपी नंबर मिलेगा और उसे सब्मिट करते ही स्कैन बायोमेट्रिक खुल जायेगा। इसमें बिना इंटरनेट के ऑफलाइन बायोमेट्रिक हाजिरी बन सकेगी। जेईपीसी के राज्य परियोजना पदाधिकारी उमाशंकर सिंह ने निर्देश दिया है कि जिलों से शिकायत मिली है कि शिक्षकों को बायोमेट्रिक अटेंडेस के जरिये उपस्थिति दर्ज कराने में परेशानी सामाने आ रही है। इससे टैबलेट में कई प्रकार की गलतियां (एरर) दिखाई देता है। इसलिए विभाग ने शिक्षकों की कठिनाईयों को ध्यान में रखते हुए एक यूजर मैनुवल तैयार किया है और उसे जिलों को भेज दिया है। इसे वाट्स एप के जरिये सभी स्कूलों और शिक्षकों तक भेजने का काम डीईओ-डीएसई को दिया गया है। इसके जरिये ही सुनिश्चित हो सकेगा कि जहां इंटरनेट है वहां शिक्षक बायोमेट्रिक के जरिये और जहां इंटरनेट नहीं है वहां ऑफलाइन बायोमेट्रिक के जरिये हर दिन हाजिरी बना सकेंगे।