शिक्षकों ने प्रोन्नति के आदेश को रद्द करने की राज्यपाल से मांग
झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने हाईकोर्ट के न्यायादेश के विपरीत शिक्षा सचिव की ओर से प्रोन्नति के निर्देश को रद्द करने की राज्यपाल से मांग की है। संघ...

रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरो। झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने हाईकोर्ट के न्यायादेश के विपरीत शिक्षा सचिव की ओर से प्रोन्नति के निर्देश को रद्द करने की राज्यपाल से मांग की है। संघ के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन कुमार और मो अतीकुज्जमां ने राज्यपाल सी•पी• राधाकृष्णन से अपील की है कि स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के सचिव के रवि कुमार ने ग्रेड-4 और ग्रेड-7 में भूतलक्षी पदोन्नति न देने का निर्देश जारी किया है। यह उच्च न्यायालय के न्यायादेश और विभागीय नियमों के विपरीत है।
कहा, तत्कालीन शिक्षा सचिव ने पद उपलब्धता की तिथि से वांछित योग्यताधारी शिक्षकों को पदोन्नति देने का आदेश निर्गत किया था। इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी, कोर्ट ने उस चुनौती को खारिज करते हुए शिक्षा सचिव के निर्देश को उचित ठहराते हुए पदोन्नति का आदेश पारित किया था। पूर्व से सेवारत शिक्षकों की वरीयता अक्षुण्ण बनी रहे इसके लिए वर्ष 2021 में तत्कालीन विभागीय सचिव ने अगस्त 2021 में आदेश जारी किया था। वहीं, वर्तमान शिक्षा सचिव के मार्गदर्शन के कारण 2015-2016 में 6 से 8 के पद पर नियुक्त हुए शिक्षकों से 1987, 1994, 1999, 2003 और 2009 के शिक्षक कनीय हो जाते हैं।
कहा, पद उपलब्धता के बाद भी विभिन्न जिलों के जिला शिक्षा अधीक्षक द्वारा ससमय पदोन्नति नहीं दिए जाने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है, जबकि प्रारंभिक शिक्षक पदोन्नति नियमावली 1993 के अनुसार प्रत्येक वर्ष वरीयता निर्मित करते हुए विभिन्न ग्रेडों में पदोन्नति दिया जाना चाहिए।
