सुनील तिवारी ने सुप्रियो को लिखी चिट्ठी, सरकार आपकी पुलिस आपका जांच कराईये
पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के सलाहकार सुनील तिवारी ने झामुमो के आरोपों पर पहली बार चुप्पी तोड़ी...

रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरो। पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के सलाहकार सुनील तिवारी ने झामुमो के आरोपों पर पहली बार चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने इस मामले में झामुमो के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य को पत्र भेजा है। इसमें उन्होंने योगेंद्र तिवारी के साथ संबंधों से लेकर पुलिस द्वारा फर्जी तरीके से फंसाने तक का जिक्र किया है। सुनील ने लिखा है कि मेरे और मेरे परिवार पर आधी-अधूरी एकतरफा जानकारी में आप जितना कह चुके हैं, वह आप पर मानहानि का मुकदमा करने के लिये पर्याप्त है।
सुनील ने लिखा है कि वह राजनीतिक विरोधियों से निपटने के लिये सत्ता द्वारा किए टूलकिट का इस्तेमाल नहीं करेंगे। जिन अधिकारियों का इस्तेमाल गलत कार्यों, केस-मुकदमे के लिये किया गया, वे आज उन मामलों की संभावित सीबीआई जांच एवं अन्य एजेंसियों के जांच से कितने परेशान हैं। जुगाड़ लगा बचने के लिये और सरकार पोषित गलतियों को अंजाम देने के लिये माफी मांगते फिर रहे हैं। सुनील ने लिखा है कि 60 साल तक कभी भी 107 का मामला झेलने का भी मौका नहीं आया। लेकिन आप महानुभावों की कृपा से मुझे डराने, चुप कराने व मुंबई कांड में मेरे द्वारा मुंबई हाईकोर्ट में दायर हस्तक्षेप याचिका से हटाने के लिये पहले मुझे धमकी मिली। फिर अगस्त 2021 में मुझ पर दो-दो मुकदमे करवाये गये। जेल भेजा गया। जान मरवाने तक की साजिश रची गई।
योगेंद्र की गलती में सहभागी तो मुझे भी मिले सजा
मैं डंके की चोट पर कहता हूं कि योगेन्द्र ही नहीं, बल्कि उनके पिताजी से 35 सालों से पारिवारिक संबंध था, है और कल भी रहेगा। वो अगर गलत किया है और उसकी गलती में मैं सहभागी हूं तो मुझे भी कानूनन सजा मिले। जिस बैंक ट्रांजेक्शन की एकतरफा जानकारी की ओर आप इशारा कर रहे हैं, वह जमीन के छोटे प्लॉट की खरीद के लिये एक जमीन मालिक को 2017 में एडवांस में ड्राफ्ट के जरिये दिया गया था। फिर वह पूरी जमीन जिन्होंने सीधे मालिक से ले ली, उन्होंने 2021 में वही सेम एमाउंट चेक से मेरे परिवार के खाते में वापस किया। मेरे परिवार की ऐसी खरीद-बिक्री में अकाउंट से लेनदेन कोई दूसरे मामले में भी हो सकते हैं।
सरकार आपकी, पुलिस आपकी, जांच कराइए
सुनील ने मांग की है कि योगेंद्र तिवारी पर शराब सिंडिकेट बनाकर सरकार की आंख में धूल झोंककर गलत तरीके से शराब कारोबार पर कब्जा करने का मुकदमा करवाइए। फिर एसआईटी बनाइए और 2005 से ही जांच कराइए। अगर मैं या मेरे परिवार द्वारा कोई भी गलती होगी, घपले-घोटाले में संलिप्तता होगी तो उसकी जांच के रास्ते आपको मेरी गर्दन तक पंहुचने का मौका बैठे-बिठाये मिल जाएगा। कारवाई करिए।
