नौकरशाही के जरिए ऊंचाई पर नहीं जा सकता राज्य: सीएम
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि केवल नौकरशाही के जरिए राज्य ऊंचाई पर नहीं जा सकता है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हवाला देते हुए कहा कि जनसहयोग से ही जनता की समस्या दूर होगी। मुख्यमंत्री...
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि केवल नौकरशाही के जरिए राज्य ऊंचाई पर नहीं जा सकता है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हवाला देते हुए कहा कि जनसहयोग से ही जनता की समस्या दूर होगी। मुख्यमंत्री परियोजना भवन सभागार में 291 उद्यम समन्वयकों के बीच नियुक्ति-पत्र वितरण समारोह में बोल रहे थे। यह नियुक्ति एक साल के लिए संविदा पर हुई है। इसका आयोजन मुख्यमंत्री कुटीर लघु एवं कुटीर उद्यम विकास बोर्ड की ओर से किया गया था।मुख्यमंत्री ने कहा कि वनउत्पादों के सही प्रयोग और लघु एवं कुटीर उद्योगों से राज्य का नक्शा बदलेगा। इससे पलायन को भी दूर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि वनोत्पादों में मूल्य संवर्द्धन से रोजगार के नए अवसर पैदा हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य गरीबी समाप्त करना है। गरीबों की जिंदगी में बदलाव लाना सरकार की कोशिश है। मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने कहा कि प्रदेश में 24 जिला समन्वयक के तहत 260 प्रखंड समन्वयक रहेंगे। इसमें महिलाओं को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इसके बाद गांव की भौगोलिक स्थिति, वहां होने वाले वनोपज, विशेषता और वहां की जरूरत का सर्वे किया जाएगा। इसी आधार पर लघु और कुटीर उद्योग लगाए जाएंगे। विकास आयुक्त अमित खरे ने कहा कि उत्साही नौजवानों को जिला और प्रखंड समन्वयक के रूप में चुना गया है। उन्हें गांव-गांव जाकर वहां की कारोबारी संभावनाओं के बारे में पता लगाना चाहिए। इसके अलावा इसके योग्य लोगों को भी तैयार करना चाहिए। उद्योग सचिव सुनील वर्णवाल ने कहा कि काफी प्रक्रियाओं के बाद राज्य की सेवा के लिए उद्यम समन्वयकों का चयन किया गया है। इसलिए आशा है कि झारखंड में कुटीर उद्योगों का व्यापक विकास होगा। इस मौके पर पंचायती राज सचिव विनय चौबे, मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्यम विकास बोर्ड की सीईओ रेणुका गोपीनाथ पणिक्कर, उद्योग निदेशक के रविकुमार, जियाडा के प्रबंध निदेशक श्रीनिवासन और हथकरघा निदेशक दीपांकर पांडा भी मौजूद थे।