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रिम्स में इलाज के दौरान बच्ची की मौत पर हंगामा

रिम्स में गुरुवार को एक बार फिर प्रबंधन की लापरवाही सामने आयी। गढ़वा मझियांव की दस वर्षीय बच्ची जास्मिन कुमारी ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इसके बाद परिजन एक घंटे तक ट्रॉली मांगते रहे, लेकिन किसी ने...

रिम्स में गुरुवार को एक बार फिर प्रबंधन की लापरवाही सामने आयी। गढ़वा मझियांव की दस वर्षीय बच्ची जास्मिन कुमारी ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इसके बाद परिजन एक घंटे तक ट्रॉली मांगते रहे, लेकिन किसी ने...
1/ 2रिम्स में गुरुवार को एक बार फिर प्रबंधन की लापरवाही सामने आयी। गढ़वा मझियांव की दस वर्षीय बच्ची जास्मिन कुमारी ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इसके बाद परिजन एक घंटे तक ट्रॉली मांगते रहे, लेकिन किसी ने...
रिम्स में गुरुवार को एक बार फिर प्रबंधन की लापरवाही सामने आयी। गढ़वा मझियांव की दस वर्षीय बच्ची जास्मिन कुमारी ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इसके बाद परिजन एक घंटे तक ट्रॉली मांगते रहे, लेकिन किसी ने...
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हिन्दुस्तान टीम,रांचीFri, 27 Apr 2018 02:22 AM
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रिम्स में गुरुवार को एक बार फिर प्रबंधन की लापरवाही सामने आयी। गढ़वा मझियांव की दस वर्षीय बच्ची जास्मिन कुमारी ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इसके बाद परिजन एक घंटे तक ट्रॉली मांगते रहे, लेकिन किसी ने इसे जरूरी नहीं समझा। इसके बाद परिजन लाचार होकर मृत बच्ची को अपने कंधे पर लेकर निकल पड़े। अस्पताल के प्रवेश द्वार पर पहुंचने के बाद तैनात गार्ड ने उन्हें जाने नहीं दिया, जिसके बाद बेबस पिता योगेंद्र कुमार ने बच्ची के शव को मुख्य द्वार पर लेटा दिया। लगभग एक घंटे तक रिम्स में हंगामा होते रहा, इसके बाद पुलिस ने मामले को शांत कराया।

मृत बच्ची का शव प्रवेश द्वार में जमीन पर लेटा परिजन दहाड़ मारकर रो रहे थे। यह हृदयविदारक दृश्य देख लोगों की आंखें नम हो रही थीं। लोगों में हिम्मत नहीं हो रही थी कि वे परिजन से घटना के बारे में पूछ सकें। परिजन लगातार स्वास्थ्य मंत्री या रिम्स प्रबंधक को बुलाने की मांग कर रहे थे। लेकिन दोनों ओर से परिजन को निराशा ही हाथ लगी।

डॉक्टर पर लगाया आरोप : पिता योगेंद्र कुमार ने बच्ची का इलाज कर रहे डॉ अमर वर्मा पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है। योगेंद्र ने बताया कि बच्ची को बुधवार की सुबह पांच बजे भर्ती कराया गया था। इसके बाद उसकी हालत लगातार बिगड़ रही थी, बार-बार कहने के बाद भी डॉक्टर कुछ नहीं कर रहे थे। दूसरे डॉ एसके शर्मा को जब परिजन ने देखने को कहा तो उन्होंने देखने से इंकार कर दिया।

डॉ अमर वर्मा ने बताया कि बच्ची काफी गंभीर हालत में गढ़वा सदर अस्पताल से रेफर होकर आयी थी। उनके पिता को बताया गया था कि बच्ची की स्थिति काफी नाजुक है। उसे जॉडिंस, लीवर व किडनी में संक्रमण हो गया था।

मेडाल ने 24 घंटे बाद भी नहीं दी जांच रिपोर्ट

परिजनों ने बताया कि बुधवार की सुबह बच्ची के खून की जांच कराने के लिए मेडाल लैब को दिया गया था। लेकिन एक-दो रिपोर्ट ही दी गई। बाकी रिपोर्ट 24 घंटे बीत जाने के बाद भी नहीं दिया गया। डॉक्टर ने बताया कि जब तक पूरी रिपोर्ट नहीं आती है तब तक पूरा इलाज शुरू नहीं किया जा सकता। पहले कारणों का पता चलना जरूरी है।

ट्रॉली वाले को फोन लगाने पर कहता है गलत नंबर

योगेंद्र ने बताया कि रिम्स की दीवार पर ट्रॉली बुलाने वाले नंबर 8757846669 पर लगाने पर फोन उठाकर गलत नंबर बताता है। जबकि दूसरे नंबर 8409508872 पर किसी ने फोन उठाया ही नहीं। कुछ लोगों ने जब इन नंबरों की जांच की तो पता चला कि योगेंद्र सही बता रहा था।

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