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लोहरदगा दंगे पर विधानसभा में हंगामा

भाजपा विधायकों ने लोहरदगा दंगे की न्यायिक जांच हाईकोर्ट के जज से कराने की मांग की। इस मांग को लेकर मंगवार को उन्होंने सदन के बाहर और भीतर जमकर हंगामा किया। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा...

लोहरदगा दंगे पर विधानसभा में हंगामा
रांची । हिन्दुस्तान ब्यूरोWed, 18 Mar 2020 02:31 PM
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भाजपा विधायकों ने लोहरदगा दंगे की न्यायिक जांच हाईकोर्ट के जज से कराने की मांग की। इस मांग को लेकर मंगवार को उन्होंने सदन के बाहर और भीतर जमकर हंगामा किया। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायकों ने अपनी मांग रखी। इस मसले पर आए कार्यस्थगन प्रस्ताव को अमान्य करने पर सदस्य वेल में पहुंच गए और सरकार विरोधी नारा लगाने लगे।
बंधु ने सबसे पहले उठाया मामला
विधानसभा की कार्यवाही मंगलवार को 11.02 बजे शुरू हुई। विधायक बंधु तर्की ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि सीएए, एनआरसी और एनपीआर कोरोना वायरस से भी खतरनाक है। चलते सत्र में इस पर चर्चा होनी चाहिए। इसे निरस्त करने का प्रस्ताव पारित करना चाहिए। बंधु के इतना कहते ही भाजपा विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही ने कहा कि किसी भी कानून को वायरस कहना निंदनीय है। इसे राज्यसभा से संवैधानिक तौर पर पारित किया गया है। इसलिए एक विधायक द्वारा इसे वायरस कहना अपमानजनक है।
नवीन जायसवाल ने कडरू प्रदर्शन पर रखी बात : इसी हंगामे के बीच भाजपा विधायक नवीन जायसवाल ने कडरू में आयोजित धरना के बारे में कहा कि प्रदर्शन की आड़ में वहां उपद्रवी आम लोगों को परेशान कर रहे हैं। कल रात भी एक बाराती बस पर हमला किया गया। लोकतंत्र में धरना-प्रदर्शन अच्छी बात है, लेकिन इससे लोगों को होने वाली परेशानी का समाधान निकालें।
प्रतीक चिह्न का मामला उठाया : विधायक सरयू राय ने मंगलवार को सदन में अशोक स्तंभ और सत्यमेव जयते का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि सदन में अध्यक्ष के आसन के पीछे लगा अशोक स्तंभ और सत्यमेव जयते असंवैधानिक है।
विधायक विनोद सिंह ने कहा कि झारखंड विधानसभा का अपना कोई प्रतीक चिह्न (लोगो) नहीं है। विधानसभा को अपना प्रतीक चिह्न बनाने की दिशा में कदम उठाना चाहिए।
स्पीकर ने कार्यस्थगन प्रस्ताव नहीं माना
भाजपा विधायक अनंत ओझा ने पिछले महीने लोहरदगा में हुए दंगे पर चर्चा के लिए कार्यस्थगन का प्रस्ताव लाया था। अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो ने कहा कि इस पर बजट मांग पर चर्चा के दौरान बात रखी जा सकती है, इसलिए कार्यस्थगन के प्रस्ताव को अमान्य किया जाता है। इस पर भाजपा विधायक वेल में आ गए और सरकार विरोधी नारे लगाने लगे। विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि भाजपा की ओर से बाबूलाल मरांडी ने सदन को आश्वस्त किया था कि सदस्य वेल में नहीं आएंगे, लेकिन वह बाबूलाल की भी बात नहीं मान रहे। बाबूलाल ने भाजपा विधायकों को शांत किया। 
सत्ता पक्ष ने मचाया शोर
विपक्ष के शोर-शराबे के बीच सत्ता पक्ष के विधायक बंधु तिर्की, इरफान अंसारी, नमन विल्सन कोंगाड़ी, प्रदीप यादव और उमाशंकर अकेला अपनी सीट पर खड़े होकर शोर करने लगे। उन्होंने भाजपा विधायकों की बातों का विरोध शुरू कर दिया। इसी बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी बात रखने के लिए उठे। इसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक अपनी-अपनी सीट पर बैठ गए।

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