ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News झारखंड रांचीनोटिस देकर कर्तव्य पूरा मान लेता है आरआरडीए : हाईकोर्ट

नोटिस देकर कर्तव्य पूरा मान लेता है आरआरडीए : हाईकोर्ट

आरआरडीए के कामकाज के खिलाफ हाईकोर्ट ने गुरुवार को कड़ी टिप्पणी की। कार्यवाहक चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की अदालत ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि आरआरडीए के अधिकारी सब कुछ जानते...

नोटिस देकर कर्तव्य पूरा मान लेता है आरआरडीए : हाईकोर्ट
हिन्दुस्तान ब्यूरो,रांचीFri, 21 Jul 2017 12:55 AM
ऐप पर पढ़ें

आरआरडीए के कामकाज के खिलाफ हाईकोर्ट ने गुरुवार को कड़ी टिप्पणी की। कार्यवाहक चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की अदालत ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि आरआरडीए के अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी शुरू में चुप रहते हैं। जब मकान बन कर तैयार हो जाता है, तब उन्हें पता चलता है कि नियमों का उल्लंघन कर मकान बनाया गया है। लोग अपने पूरे जीवन में बचाए पैसे और लोन लेकर मकान बनाते हैं, ऐसे में अधिकारी सीधे मकान तोड़ने का नोटिस दे देते हैं। ऐसा कर अधिकारी अपना कर्तव्य पूरा मान लेते हैं। सुरेंद्र कुमार सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह टिप्पणी की।
अदालत ने कहा कि किसी का मकान तोड़ना, हमेशा अंतिम विकल्प होना चाहिए। पहले जुर्माना लेकर मकान को नियमित करने का प्रयास करना चाहिए। जब जुर्माना भी नहीं जमा किया जाए, तब मकान तोड़ने का नोटिस दिया जाना चाहिए। अदालत ने इस विवाद को सुलझाने के लिए झालसा के मध्यस्थता केंद्र के पास भेज दिया है। मध्यस्था नौ अगस्त को सुबह 11 से एक बजे तक होगी। दोनों पक्ष के वकील भी मौजूद रहेंगे।
क्या है मामला
प्रार्थ सुरेंद्र कुमार सिंह  से कहा गया है कि उन्होंने ललगुटवा में मकान बनाया है। मकान बनाने से पूर्व अंचल अधिकारी से प्रार्थी ने उक्त जमीन पर मकान बनाने के लिए प्लान की स्वीकृति मांगी थी। जिस पर सीओ ने कहा कि बिना प्लान के घर बनाया जा सकता है। जब मकान बनकर तैयार हुआ, तो आरआरडीए ने नोटिस देकर मकान ध्वस्त करने का आदेश दिया। इसी आदेश को सुरेंद्र कुमार सिंह ने हाई कोर्ट में चुनौती दी। जिस पर कोर्ट ने आरआरडीए के आदेश पर 2008 में ही रोक लगा दी थी।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें