स्वास्थ्य विभाग से रोस्टर देने के बावजूद रिम्स में एसआर की नियुक्ति नहीं
रांची के रिम्स में पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों के लिए सीनियर रेजिडेंट की नियुक्ति नहीं होने से छात्रों में नाराजगी है। स्वास्थ्य विभाग ने एक वर्ष पूर्व प्रक्रिया पूरी की थी, लेकिन नियुक्ति नहीं हुई।...

रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरो। राज्य के मेडिकल कॉलेजों से पीजी (पोस्ट ग्रेजेएट) की पढ़ाई कर चुके छात्रों को राज्य में बांड आधारित तीन वर्ष की अनिवार्य सेवा देने का प्रावधान है। साथ ही पीजी में टॉप 20 प्रतिशत छात्रों को एम्स, देवघर या रिम्स रांची में सीनियर रेजिडेंट के रूप में अवधि आधारित नियुक्ति करनी है। लेकिन, रिम्स में सीनियर रेजिडेंट की नियुक्ति नहीं होने से पीजी कर चुके छात्र परेशान हैं। कुछ छात्रों ने स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह से इसकी शिकायत भी की है। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि विभाग द्वारा एक वर्ष पूर्व ही सीनियर रेजिडेंट की नियुक्ति के लिए आवश्यक प्रक्रिया पूरी करते हुए रिम्स को रोस्टर उपलब्ध करा दिया गया था।
लेकिन, रिम्स द्वारा सीनियर रेजिडेंट के पद पर कोई नियुक्ति नहीं की गई। विभाग के द्वारा इसी वर्ष बांड आधारित तीन वर्ष की अनिवार्य सेवा के तहत रिम्स से पीजी की पढ़ाई कर चुके टॉप 20 प्रतिशत छात्रों को एम्स देवघर या रिम्स में सीनियर रेजिडेंट के पद पर नियुक्त करने का प्रावधान किया गया है। इस प्रावधान के तहत एम्स, देवघर द्वारा सीनियर रेजिडेंट के पद पर नियुक्ति कर ली गई है। जबकि, रिम्स में सीनियर रेजिडेंट की नियुक्ति का मामला अधर में है। रिम्स कर रहा स्थानीय छात्रों की अनदेखी विभागीय प्रावधान के बावजूद रिम्स में एसआर के पद पर नियुक्ति नहीं होने से रिम्स से पीजी करने वाले छात्रों में काफी नाराजगी है। छात्रों का कहना है कि निदेशक स्थानीय छात्रों की अेनदेखी कर रहे हैं। जानबूझकर सरकार के नियमों को लागू नहीं कर रहे हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि रिम्स प्रशासन स्थानीय छात्रों को अपने संस्थान में रखना ही नहीं चाहता। कई छात्रों ने रिम्स प्रशासन पर पक्षपात और लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि अगर सरकार के आदेशों को ही संस्थान नहीं मानेगा तो फिर नीति बनाकर क्या फायदा? विभाग को सुपर स्पेशलिस्टों सूची नहीं दे रहा रिम्स रिम्स प्रबंधन की ओर से स्वास्थ्य विभाग को रिम्स से इस साल सुपरस्पेशलिटी की पढ़ाई पूरी करने वाले सुपर स्पेशलिस्टों की सूची भी नहीं दी जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से कई बार रिम्स निदेशक से सुपर स्पेशलिटी की परीक्षा में उतीर्ण छात्रों की सूची मांगी गई, ताकि उनकी बांड पोस्टिंग की जा सके और उनकी विशेषज्ञता का लाभ झारखंड की जनता को मिल सके। लेकिन, विभाग को अब तक कोई सूची रिम्स द्वारा नहीं भेजी गई है। इसके कारण अन्य जिलों के मरीजों को सुपर स्पेशलिटी चिकित्सा सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
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