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कैबिनेट का फैसला: आज से झारखंड में नहीं इस्तेमाल होंगे प्लास्टिक बैग

राज्य में प्लास्टिक बैग (पॉलीथिन) पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगा दी गई है। कैबिनेट ने मंगलवार को इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बाताया कि कैबिनेट ने 14...

कैबिनेट का फैसला: आज से झारखंड में नहीं इस्तेमाल होंगे प्लास्टिक बैग
हिन्दुस्तान ब्यूरो,रांचीWed, 06 Sep 2017 07:45 AM
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राज्य में प्लास्टिक बैग (पॉलीथिन) पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगा दी गई है। कैबिनेट ने मंगलवार को इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बाताया कि कैबिनेट ने 14 प्रस्तावों को मंजूरी दी है। इसमें रांची के एचईसी में बनने वाले स्मार्ट सिटी के मास्टर प्लान, स्मार्ट सिटी की भूमि की घेराबंदी, जंगली जानवरों द्वारा क्षति पर राशि बढ़ाने, नगर निकाय को जमीन हस्तांतरण समेत अन्य फैसले शामिल हैं।  

अब नहीं चलेगा पॉलीथिन

कैबिनेट ने राज्य को पूरी तरह प्लास्टिक मुक्त क्षेत्र घोषित किए जाने का निर्णय लिया है। राज्य में प्लास्टिक थैला के निर्माण, आयात, भंडारण, परिवहन, विक्रय और उपयोग का  प्रतिबंधित होगा। खाद्य सामग्री, दूध और दूध उत्पाद की पैकेजिंग व नर्सरी के उन्नत पौधों के लिए प्रयुक्त कंटेनर्स को प्लास्टिक कैरी बैग नहीं माना जाएगा। यह अधिसूचना जारी होने के दिन से राज्य में लागू हो जाएगा। इस प्रावधान का उल्लंघन पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 की धारा 15 के तहत दंडनीय होगा।    

संजय कुमार ने कहा कि पहले पार्क, कालामाटी मृग विहार, रजरप्पा मंदिर, जैविक उद्यान आदि केवल कुछ खास जगहों पर प्लास्टिक का उपयोग प्रतिबंध था। जिस तरह से इसका उपयोग हो रहा है, उससे पर्यावरण दूषित हो रहा है। साथ ही पशुओं की स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। इसे देखते हुए पूरे राज्य को प्लास्टिक कैरी बैग मुक्त क्षेत्र घोषित करने की जरूरत है। इसे देखते हुए कैबिनेट ने वन विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दी।

स्मार्ट सिटी 556 एकड़ में बनेगा

स्मार्ट सिटी मिशन के तहत एचईसी में 656.30 एकड़ भूमि पर इसे विकसित करने के लिए मास्टर प्लान को मंजूरी दी गई। मास्टर प्लान में भूमि की उपयोगिता, वहां की आबादी, व्यवयासिक व आवासीय घर की स्थिति अस्पताल, सड़क आदि का विस्तार से ब्योरा दिया गया है। इसके इस क्षेत्र की घेराबंदी के लिए एचईसी को मनोनयन के आधार पर चुना गया है। एचईसी 656 एकड़ भूमि के पिलरिंग का काम करेगी। इसके बदले उसे 25.82 लाख रुपये दिए जाएंगे।

जंगली जानवर से मौत पर मुआवजा बढ़ा

राज्य में जंगली जानवरों द्वारा जान-माल, फसल, पालतू जानवर और मकान की क्षति पहुंचाए जाने पर मुआवजा की राशि में बढ़ोतरी की मंजूरी दी गई। इसके तहत मनुष्य की मृत्यु होने अब चार लाख रुपये दिया जाएगा। पहले 18 वर्ष से अधिक उम्र के लिए 2.50 लाख और 18 वर्ष से कम उम्र में 1.50 लाख रुपये मुआवजा दिया जाता था। इसी तरह घायल होने, मकान क्षतिग्रस्त, फसल नष्ट, पशुओं के मरने पर मुआवजा राशि बढ़ाई गई है।

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