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कुपोषण दूर करना अकेले समाज कल्याण विभाग के वश में नहीं: लुईस मरांडी

झारखंड में कुपोषण दूर करना अकेले समाज कल्याण विभाग के वश में नहीं है। जब तक स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल स्वछता, कृषि, खाद्य आपूर्ति, ग्रामीण विकास समेत नगर विकास विभाग मिल कर काम नहीं करेंगे, तब तक...

कुपोषण दूर करना अकेले समाज कल्याण विभाग के वश में नहीं: लुईस मरांडी
हिन्दुस्तान टीम,रांचीWed, 25 Apr 2018 02:13 AM
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झारखंड में कुपोषण दूर करना अकेले समाज कल्याण विभाग के वश में नहीं है। जब तक स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल स्वछता, कृषि, खाद्य आपूर्ति, ग्रामीण विकास समेत नगर विकास विभाग मिल कर काम नहीं करेंगे, तब तक कुपोषण दूर करने में शत प्रतिशत सफलता नहीं मिलेगी। यह कहना है समाज कल्याण मंत्री डॉ लुईस मरांडी का। प्रोजेक्ट भवन सभागार में मंगलवार को पोषण अभियान पर आयोजित कार्यशाला में उन्होंने अधिकारियों व कर्मचारियों से कहा कि हम सिर्फ ड्यूटी न करें। सेवा में दायित्व और समर्पण का भाव दिखे। इससे कई जिंदगियां बच सकती है। इसके लिए सभी आईसीडीएस के एक-एक केंद्र को गोद लें और वहां के सुधार लायें. इससे कुपोषण का दंश झेल रहे झारखंड का ग्राफ सुधर सकता है।

समाज कल्याण मंत्री डॉ लुईस मरांडी ने कहा कि कुपोषण को दूर करने के लिए सभी विभाग आपस में समन्वय करें और जिलों में इसकी हर महीने बैठक हो। एक महीने में कुषोषण दूर करने के लिए क्या काम हुए, क्या हमने हासिल किया, क्या परेशानी आ रही है? लक्ष्य निर्धारित कर काम करें, इससे फायदा होगा। इसके लिए समाज कल्याण मंत्री संबंधित विभागों के साथ बैठक करेंगी। उन्होंने कहा कि कुपोषण और एनिमिया होने के क्या कारण हैं, उसकी जड़ तक जाना चाहिए। वहीं, समाज कल्याण विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे ने कहा कि कुपोषण और एनिमिया दूर करने के लिए सभी विभागों को मिल कर काम करना चाहिए। कुपोषण और नाटापन दोनों की जड़ बाल विवाह में भी है। बाल विवाह रोकने में शिक्षकों की सबसे बड़ी भूमिका हो सकती है। समारोह में राज्य पोषण मिशन के माहनिदेशक डीके सक्सेना, पोषण अभियान के सहायक निदेशक गुंजन कुमारी सिन्हा, राजेश कुमार, प्रीति रानी ने भी अपने विचार रखे। इस मौके पर सभी जिलों के सिविल सर्जन, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी समेत विभाग के पदाधिकारी मौजूद थे।

ओडीएफ की तर्ज पर चले नो चाइल्ड मैरेज : निधि खरे

स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव निधि खरे ने कहा कि झारखंड कुपोषित होने का दंश झेल रहा है। इसका प्रमुख कारण बाल विवाह है। 18 साल की कम उम्र की 100 लड़कियों में से 38 का बाल विवाह कर दिया जाता है। सरकार ओडीएफ की तर्ज पर नो चाईल्ड मैरेज गांव, पंचायत, जिला करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए सरकार मुखबीर योजना शुरू करने जा रही है। इसमें 104 नंबर पर बाल विवाह या जबरन शादी कराने की सूचना देने पर सरकार की ओर से ईनाम राशि भी जायेगी। साथ ही उसकी पहचान गुप्त रखी जायेगी। उन्होंने कहा कि सरकार गांव, फिर पंचायत, प्रखंड और फिर जिला में नो चाइल्ड मैरेज लागू करना चाह रही है।

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