कुछ क्षण के ध्यान से ही प्राप्त हो सकती है शांति : मां चैतन्य
रांची में अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला मंच द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन मां चैतन्य मीरा ने रुक्मिणी विवाह, महारास और उद्धव गोपी संवाद पर प्रवचन दिया। कृष्ण रुक्मिणी विवाह का आयोजन भी किया...

रांची, वरीय संवाददाता। अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला मंच की ओर से आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन शुक्रवार को रुक्मिणी विवाह, महारास और उद्धव गोपी संवाद पर मां चैतन्य मीरा ने प्रवचन दिया। इस अवसर पर कृष्ण रुक्मिणी विवाह के उपलक्ष्य में एक जोड़े का विवाह भी कराया गया। कथा में बताया गया की कुछ क्षण के ध्यान से ही हम शांति महसूस कर सकते हैं। हम नित्य योग और ध्यान करें तो हमारा शरीर मानसिक तनाव, अनिद्रा जैसी समस्याओं से दूर होकर आनंद और भक्ति का अनुभव प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि कृष्ण की एक बांसुरी की धुन पर समस्त गोपियां उनके साथ रास रचाती थीं।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से यमुना मैया वृंदावन में आज भी सभी को दर्शन दे रही हैं। लोग किस प्रकार से उसका आनंद प्राप्त कर रहे हैं, यह प्रेम और भक्ति नहीं तो क्या है। गुरु मां ने बताया कि जब हम किसी से प्रेम करें तो हमें ज्ञान नहीं लगना चाहिए। कथा के अंत में कन्हैया द्वारा रुक्मिणी का हरण और उनसे किए प्रकार विवाह किया, इसे बताया गया। सभी ने आनंद के साथ कृष्ण-रुक्मिणी की वरमाला करवाई। इससे पहले कथा के प्रारंभ में संस्था के सदस्यों ने आरती की। मौके पर नीरा बथवाल, रूपा अग्रवाल, गीता डालमिया, अनसूया नेवटिया, अलका सरावगी, मधु सर्राफ, उर्मिला पाड़िया, रीना सुरेखा, प्रीती पोद्दार, बीना मोदी, बीना बूबना, प्रीति बंका, प्रीती अग्रवाल, शोभा हेतमसरिया, संगीता गोयल, ममता बूबना आदि मौजूद थीं।
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