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इनामी नक्सली बिरसायी ने मैक्लुस्कीगंज में डाले हथियार

भाकपा माओवादियों के स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य उमेश गंझू उर्फ बिरसायी ने सरेंडर कर दिया है। उसपर 25 लाख रुपये का इनाम घोषित है। वह बीते कुछ महीनों से संगठन में अपने कद को घटाए जाने व बाहरी माओवादियों...

इनामी नक्सली बिरसायी ने मैक्लुस्कीगंज में डाले हथियार
हिन्दुस्तान टीम,रांचीFri, 10 Aug 2018 11:16 PM
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भाकपा माओवादियों के स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य उमेश गंझू उर्फ बिरसायी ने सरेंडर कर दिया है। उसपर 25 लाख रुपये का इनाम घोषित है। वह बीते कुछ महीनों से संगठन में अपने कद को घटाए जाने व बाहरी माओवादियों को तवज्जो दिए जाने से नाराज था। बिरसायी का सरेंडर माओवादी संगठन के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।

सूत्रों के मुताबिक,वह बीते कई महीनों से पुलिस व केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के संपर्क में था। शुक्रवार को मैक्लुस्कीगंज के समीप उसने सरेंडर किया। इसके बाद वहां से उसे रांची के टेंडरग्राम स्थित जगुआर कैंप में लाया गया।

पुलिस टीम जगुआर कैंप में रखकर बिरसायी से पूछताछ कर रही है। हालांकि राज्य पुलिस के अधिकारियों ने आधिकारिक तौर पर सरेंडर की जानकारी से इनकार किया है। हालांकि पुलिसिया सूत्रों के मुताबिक, जल्द ही बिरसायी के अधिकारिक सरेंडर की घोषणा की जाएगी

कोयलशंख जोन में बड़ा कद है बिरसायी: भाकपा माओवादियों के कोयलशंख जोन में बिरसायी उर्फ उमेश का कद काफी बड़ा रहा है। बिरसायी मूल रूप से लातेहार के चंदवा थाना क्षेत्र के बजरमारी का रहने वाला है। बिरसायी को देवकुमार सिंह उर्फ अरविंद ने स्पेशल एरिया कमेटी का मेंबर बनाया था।

अरविंद के साथ बिरसायी लगातार बूढ़ापहाड़ में कैंप कर रहा था। लेकिन दिसंबर 2017 में बूढ़ापहाड़ से उतरने के बाद बिरसायी का कद संगठन में छोटा कर दिया गया था। जानकारी के मुताबिक, बिरसायी को सैक सदस्य से डिमोट कर रिजनल कमेटी सदस्य बनाया गया था। संगठन में कद छोटा किए जाने के बाद वह कुछ दिनों के लिए संगठन से भाग भी गया था। लेकिन बाद में वह संगठन में लौट आया था।

सुधाकरण से नाराजगी: एक करोड़ के इनामी व वर्तमान में कोयलशंख जोन का प्रभार देख रहे सुधाकरण से बिरसायी की नाराजगी बतायी जाती है। इसी वजह से वह पुलिस व खुफिया एजेंसियों के संपर्क में आया था। कई महीनों से लगातार वह पुलिस के संपर्क में था। बिरसायी के सरेंडर से बूढ़ापहाड़ में अभियान के साथ साथ कोयलशंख जोन में माओवादियों को कमजोर करने और इलाके में नक्सल विरोधी अभियान चलाने में पुलिस को मदद मिलेगी।

लातेहार और गढ़वा में दर्ज हैं कई मामले

बिरसायी के खिलाफ झारखंड के लातेहार व गढ़वा जिले व छतीसगढ़ में भी माओवादी वारदातों से संबंधित कांड दर्ज हैं। कैंप में बिरसायी से जुड़े पुराने कांडों पर पूछताछ की जा रही है। बिरसायी एक समय में गढ़वा व लातेहार के लिए आतंक माना जाता था। बूढ़ा पहाड़ में अपनी तैनाती के दौरान उस पर आसपस के इलाकों में कई बड़ी वारदातों को अंजाम देने का आरोप है।

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