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निजी अस्पताल ने कहा काटना होगा पैर, सरकारी अस्पताल ने बचाया

 जिस बच्चे का पैर निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने काटने की सलाह दी उसे सदर अस्पताल के डॉक्टरों ने बचा लिया। करीब दो माह तक इलाज कराने के बाद मंगलवार को डॉक्टरों ने लाइन टैंक निवासी रोहित कुमार (14)...

निजी अस्पताल ने कहा काटना होगा पैर, सरकारी अस्पताल ने बचाया
वरीय संवाददाता,रांचीWed, 19 Sep 2018 01:21 AM
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 जिस बच्चे का पैर निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने काटने की सलाह दी उसे सदर अस्पताल के डॉक्टरों ने बचा लिया। करीब दो माह तक इलाज कराने के बाद मंगलवार को डॉक्टरों ने लाइन टैंक निवासी रोहित कुमार (14) को छुट्टी दे दी। रोहित को घर ले जाने के लिए परिवार के सभी लोग पहुंचे थे। सभी की इच्छा बस रोहित को अपने पैरों से चलते हुए देखने की थी। चलते हुए जब रोहित ने कहा कि अब वह स्कूल जा सकेगा और साइकिल भी चलाएगा, यह बात सुन उनके परिवार वालों की आंखों में आंसू छलक आए। इलाज कर रहे डॉक्टर अजय कुमार झा बताते हैं कि निजी अस्पताल सिर्फ पैसा बनाने के लिए मरीजों को परेशान करते हैं। रोहित का पैर काटने लायक नहीं था। उसके पैर में संक्रमण फैल गया था। लेकिन स्थिति इतनी भी खराब नहीं थी कि उसका पैर काटना पड़े। डॉक्टरों की टीम लगातार रोहित का इलाज करती रही। इसमें डॉ एसएस मंडल, डॉ सबनम तिर्की, डॉ हेमा, डॉ अभय पांडेय शामिल थे। 
सदर अस्पताल के डॉक्टर पर परिजन ने लगाया था आरोप :  14 जुलाई को रोहित कुमार के परिजनों ने सदर अस्पताल के डॉ जेई तिग्गा पर गलत इलाज का आरोप लगाया गया था। रोहित के पैर में चोट लगी थी, जिसके बाद उसे सदर अस्पताल इलाज के लिए लाया गया। डॉक्टरों ने एड़ी टूटने की बात कह प्लास्टर चढ़ा दिया। इसके बाद पैर में संक्रमण फैलने लगा। रोहित को दोबारा अस्पताल लाया गया लेकिन डॉक्टरों पर देखने से मना कर देने का आरोप लगाया गया था। फिर मरीज को निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि पैर टूटा ही नहीं है और इसका पैर काटना पड़ेगा। इसके बाद परिजन ने सदर अस्पताल आकर हंगामा करने लगे। फिर प्रबंधन ने मरीज को भर्ती कर इलाज शुरू किया था। उस वक्त डॉक्टरों ने आरोप का खंडन किया था।  

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