राज्य में बिजली की नई दरें अक्टूबर से लागू करने की तैयारी
राज्य में बिजली की बढ़ने जा रही दर को एक अक्तूबर से लागू करने की तैयारी है। झारखंड बिजली वितरण निगम (जेबीवीएनएल) ने विभिन्न श्रेणी की बिजली दर में 20 से 30 प्रतिशत बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव झारखंड राज्य...
राज्य में बिजली की बढ़ने जा रही दर को एक अक्तूबर से लागू करने की तैयारी है। झारखंड बिजली वितरण निगम (जेबीवीएनएल) ने विभिन्न श्रेणी की बिजली दर में 20 से 30 प्रतिशत बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग (जेएसईआरसी) को दिया है। आयोग ने सभी प्रमंडलों में वर्चअल जनसुनवाई करने के बाद राज्य सलाहकार समिति की बैठक पूरी कर ली है। अब जेबीवीएनएल सहित अन्य बिजली वितरण कंपनियों डीवीसी, टाटा स्टील, टाटा स्टील यूटिलिटी और सेल बोकारो की नई दरों का निर्धारण किया जाना है।नई दर निर्धारित करने के लिए आयोग के अधिकारियों ने प्रस्तावों का अध्ययन शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि पहले निजी कंपनियों की दरों का निर्धारण किया जाएगा और इस माह के अंत तक या अगले माह के प्रारंभ में जेबीवीएनएल के उपभोक्ताओं के लिए नई दरें तय कर दी जाएंगी। इसके बाद कंपनियों को बिलिंग प्रक्रिया शुरू करने के लिए सॉफ्टवेयर अपडेट करना होगा। आयोग और जेबीवीएनएल के सूत्रों के अनुसार नई दरें अक्तूबर से पहले लागू नहीं की जा सकेंगी। वैसे भी लॉकडाउन को देखते हुए उपभोक्ताओं ने इस वित्त वर्ष के दौरान बिजली की दर में बढ़ोत्तरी नहीं करने की पुरजोर मांग की है। 37 लाख उभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति करने वाले जेबीवीएनएल ने बिजली की औसत दर 6.54 रुपये प्रतियूनिट से बढ़ा कर 8.02 रुपये प्रति यूनिट करने का प्रस्ताव दिया है। जेबीवीएनएल ने इससे 8384 करोड़ रुपये की प्राप्ति का अनुमान लगाया है। पिछली बार करीब 7000 करोड़ रुपये प्राप्ति का अनुमान था। कोरोना काल के संकट को मद्देनजर रखते हुए उपभोक्ताओं ने आयोग से बिजली की दर नहीं बढ़ाने की मांग की है। उपभोक्ताओं को उम्मीद है कि आयोग उनकी बात को संज्ञान में रखते हुए ही बिजली कंपनियों की नई दरों का निर्धारण करेगा। दूसरी ओर राज्य सरकार उपभोक्ताओं को बिजली की नई दर से राहत देने के लिए तैयारी कर रही है। उपभोक्ताओं के लिए नई दर के अनुपात में ही सब्सिडी दी जानी है। तैयारी के अनुसार पहले 100 यूनिट निशुल्क रखा जाएगा। इसके बाद की खपत पर प्रति यूनिट सब्सिडी का निर्धारण किया जाना बाकि है। इसे नई दर तय करने के बाद ही अंतिम रूप दिया जाता है।