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किसानों की समस्याओं को प्रेमचंद ने बेहतर उभारा: डॉ सत्यनारायण मुंडा

डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर हिन्दी विभाग की ओर से शुक्रवार को प्रेमचंद जयंती की पूर्व संध्या पर वेबिनार का आयोजन हुआ। इसका...

किसानों की समस्याओं को प्रेमचंद ने बेहतर उभारा: डॉ सत्यनारायण मुंडा
हिन्दुस्तान टीम,रांचीFri, 30 Jul 2021 04:10 PM
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रांची। प्रमुख संवाददाता

डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर हिन्दी विभाग की ओर से शुक्रवार को प्रेमचंद जयंती की पूर्व संध्या पर वेबिनार का आयोजन हुआ। इसका विषय था- प्रेमचंद और भारतीय किसान। इसकी अध्यक्षता कुलपति प्रो सत्यनारायण मुंडा ने की।

उन्होंने प्रेमचंद के साहित्यिक अवदान पर कहा कि उनका संपूर्ण लेखन मानव समाज में जागरुकता की भावना पैदा करता है। उनकी कहानियों में ग्रामीण समस्याएं, कृषक की समस्याएं, मजदूरों की समस्या व तत्कालिक समस्याओं का चित्रण व्यापक रूप में है। कहा कि हमारा देश किसानों पर ही निर्भर, लेकिन उनकी स्थिति दयनीय है। प्रेमचंद ने अपनी रचनाओं के माध्यम से लगातार किसानों की समस्याओं को उभारा।

कहानीकार पंकज मित्र ने कहा कि प्रेमचंद पर बात करना किसान संकट पर बात करना है। प्रेमचंद ने साहित्य के बहाने भारत के किसानों की दुर्दशा पर चिंतन किया था। उन्होंने कहा कि उपनिवेशवादी व्यवस्था ने भारतीय किसानों की जो दशा की है, प्रेमचंद ने अपनी संपूर्ण रचनाओं में उसका दस्तावेजीकरण किया है। आज पूंजीवादी अर्थव्यवस्था ने खेती में भी और किसानों पर भी अपना कब्जा जमा लिया है। विशिष्ट अतिथि साहित्यकार महादेव टोप्पो ने कहा कि सत्ताधारी वर्ग ने भारतीय किसानों की स्वतंत्रता और संप्रभुता को नष्ट किया। पूंजीवाद, सामंतवाद, पुरोहितवाद और उपनिवेशवादी शक्तियों ने लगातार किसानों का दोहन किया। प्रेमचंद इनके खिलाफ लिखते रहे।

हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ जिंदर सिंह मुंडा ने कहा कि प्रेमचंद की रचनाएं किसानी जीवन का प्रतिबिंब हैं। अपनी रचनाओं के माध्यम से प्रेमचंद आज भी प्रासंगिक हैं। उपनिवेशवादी व्यवस्था में किसान जमींदार, साहूकार, सेठ के दमन का शिकार थे, लेकिन अब यह काम बैंक, निजी कंपनियां व पूंजीपति कर रहे हैं। विभाग के शिक्षक डॉ मृत्युंजय कोईरी ने प्रेमचंद की जीवनी से जुड़े पहलुओं को साझा किया। डॉ अनिल कुमार ठाकुर ने कहा कि प्रेमचंद खुद किसान नहीं होकर भी कृषक जीवन का जीवंत चित्रण किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ प्रेमी मोनिका तोपनो ने किया। वेबिनार लगभग 100 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।

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