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शारीरिक शिक्षा सिर्फ खेलकूद नहीं : पुलेला गोपीचंद

- मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा में होगा फिजिकल एजुकेशन का पेपर : राहुल...

शारीरिक शिक्षा सिर्फ खेलकूद नहीं : पुलेला गोपीचंद
हिन्दुस्तान टीम,रांचीMon, 17 Aug 2020 08:22 PM
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झारखंड शारीरिक साक्षरता कार्यक्रम का शुभारंभ सोमवार को किया गया। राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इसका उद्घाटन किया। इसके साथ ही 18 अगस्त से 17 अक्टूबर तक राज्य के शारीरिक शिक्षकों और शारीरिक शिक्षा में रुचि रखने वाले शिक्षकों की ऑनलाइन ट्रेनिंग होगी। उद्घाटन समारोह में पुलेला गोपीचंद ने कहा कि शारीरिक शिक्षा साक्षरता सिर्फ खेलकूद नहीं है बल्कि यह हमारे शारीरिक संज्ञानात्मक, समयानात्मक, नैतिक, सामाजिक, तार्किक, व्यावहारिक प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने के लिए है। यह कोई एक विषय मात्र नहीं है और सिर्फ रेग्युलर पढ़ाई नहीं, बल्कि यह जीवनभर उपयोग में आता है। इसमें सिर्फ अच्छे बच्चों को नहीं, पिछड़ों बच्चों को भी जोड़ें। सभी को समान अवसर मिले, ताकि उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिल सके। यह सिर्फ किसी एक के सोचने से नहीं होगा स्कूल, बच्चे, अभिभावक सभी को मिलकर इस पर काम करना होगा। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में निक्सन जोसेफ ने कहा कि हर बच्चे को शारीरिक शिक्षा सुलभ रूप में मिले प्राथमिकता होनी चाहिए। इसके लिए यह कार्यक्रम बेहतर है, इससे झारखंड के बच्चे लाभान्वित होंगे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में माध्यमिक शिक्षा निदेशक जटाशंकर चौधरी झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक शैलेश कुमार चौरसिया, प्राथमिक शिक्षा निदेशक भुवनेश प्रताप सिंह प्राथमिक शिक्षा उपनिदेशक प्रदीप चौबे, जेईपीसी के प्रशासनिक पदाधिकारी जयंत मिश्रा, अभिनव कुमार, धीरसेन सोरेंग समेत सभी आरडीडीई, डीईओ, डीएसई समेत अन्य मौजूद थे।

मैट्रिक और इंटरमीडिएट में फिजिकल एजुकेशन का पेपर होगा :

राहुल शर्मा - स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव राहुल शर्मा ने कहा कि झारखंड में खेलकूद के अच्छे अवसर हैं और यहां के लोगों में इसकी जागरुकता है। माध्यमिक और प्लस टू में इसे अनिवार्य विषय के रूप में रखा जाएगा। साथी मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा में भी इसे शामिल कराया जाएगा। बच्चों के जीवन और व्यवहार में परिवर्तन हुआ - वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में टाटा की खेल प्रमुख नीलम देसाई ने कहा कि संस्थान की ओर से राज्य के 6000 बच्चों पर ग्रास रूट पर काम किया जा रहा है। उन्हें हॉकी की ट्रेनिंग दी जा रही है। इसका फायदा उनके जीवन स्तर और व्यवहार में देखने को मिल रहा है। उनमें टीम वर्क की भावना जगी है। स्कूली शिक्षा व साक्षरता से जोड़े जाने के बाद इसका और विस्तार होगा। शारीरिक साक्षरता की गुणवत्ता और सुधरेगी और ज्यादा से ज्यादा बच्चे इस से जुड़ सकेंगे।

आज से शुरू हो गई ट्रेनिंग - शारीरिक शिक्षकों की मंगलवार से ऑनलाइन ट्रेनिंग शुरू होगी। यह प्रशिक्षण 17 अक्टूबर तक चलेगा। पहले दिन रांची और गुमला के शिक्षकों की ट्रेनिंग शुरू होगी। हजारीबाग में सबसे ज्यादा 133 शारीरिक शिक्षकों का प्रशिक्षण होगा। वहीं, रांची के 119, धनबाद के 117, पलामू में 106, पश्चिमी सिंहभूम के 96, चतरा के 93, गिरिडीह के 91, बोकारो के 83 देवघर के 79, पाकुड़ के 72, लातेहार के 70, जामताड़ा के 65, सिमडेगा के 63, गुमला के 63, पूर्वी सिंहभूम के 58, सरायकेला के 47, कोडरमा के 46, लोहरदगा के 31, साहिबगंज के 25, दुमका के 22, गोड्डा के 17 और खूंटी, गढ़वा और रामगढ़ के शारीरिक शिक्षकों का भी प्रशिक्षण होगा।

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