भाषाई जनगणना में नागपुरी को बांटने की साजिश का विरोध

नागपुरी विकास मंच की बैठक रविवार को पिस्का मोड़ स्थित शाहदेव नगर में हुई। इस दौरान नागपुरी भाषा को बांटने की साजिश का विरोध किया...

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भाषाई जनगणना में नागपुरी को बांटने की साजिश का विरोध
Newswrap हिन्दुस्तान टीम , रांची
Sun, 29 Aug 2021 9:20 PM

रांची। संवाददाता

नागपुरी विकास मंच की बैठक रविवार को पिस्का मोड़ स्थित शाहदेव नगर में हुई। इस दौरान नागपुरी भाषा को बांटने की साजिश का विरोध किया गया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए हरिनंदन महली ने कहा कि भाषाई जनगणना प्रपत्र में नागपुरी और सादरी दो नाम दिए गए हैं। जबकि दोनों भाषा एक ही है। नागपुरी सदानों की मातृभाषा है। यह आदिवासियों और गैर आदिवासी सदानों के बीच संपर्क की भाषा है। सादरी और सदानी नागपुरी नाम के पर्यायवाची शब्द हैं।

लाल अजय नाथ शाहदेव ने कहा कि नागपुरी भाषी क्षेत्रों में से खूंटी व लोहरदगा में हाई स्कूलों में नागपुरी विषय का अविलंब पद सृजित किया जाना चाहिए। डॉ संजय कुमार षाड़ंगी ने कहा कि नागपुरी रांची में द्वितीय राजभाषा होने के बावजूद उपेक्षित है। इसे उचित स्थान देने की जरूरत है। कुछ स्थानों में नागपुरी जनजातियों की मातृभाषा के रूप में प्रचलित है। ऐसे में अलग-अलग नामों से दर्शाना दुर्भाग्यपूर्ण है। रामदेव बड़ाईक ने कहा कि यूजीसी द्वारा नागपुरी भाषा को मान्यता दी गई है। मौके पर मंच के अध्यक्ष रामकुमार, डॉ कोरनेलियुस मिंज, विरेंद्र कुमार सहित अन्य शामिल थे।

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