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मुख्यमंत्री की चेतावनी का असर दिखा, रिम्स में ओपीडी सेवा रही बहाल

नेशनल मेडिकल कमिशन (एनएमसी) बिल के खिलाफ आईएमए की हड़ताल का असर रिम्स में नहीं दिखा। अस्पताल में सुबह नौ बजे से ही ओपीडी सेवाएं शुरू हो गई थी। वहीं, सदर अस्पताल में डॉक्टरों ने ओपीडी सेवाएं ठप कर दी।...

मुख्यमंत्री की चेतावनी का असर दिखा, रिम्स में ओपीडी सेवा रही बहाल
हिन्दुस्तान टीम,रांचीSat, 28 Jul 2018 10:30 PM
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नेशनल मेडिकल कमिशन (एनएमसी) बिल के खिलाफ आईएमए की हड़ताल का असर रिम्स में नहीं दिखा। अस्पताल में सुबह नौ बजे से ही ओपीडी सेवाएं शुरू हो गई थी। वहीं, सदर अस्पताल में डॉक्टरों ने ओपीडी सेवाएं ठप कर दी। सुबह छह बजे से लेकर शाम छह बजे तक ओपीडी सेवाएं बंद रही। मरीजों का सिर्फ इमरजेंसी में ही इलाज हो पाया। आईएमए के जिला अध्यक्ष डॉ चंद्रशेखर ने बताया कि रिम्स में मरीजों के हीत में डॉक्टरों ने काम किया लेकिन सभी एनएमसी बिल के खिलाफ हैं। यह ना जनता और ना ही डॉक्टरों के हित में है। इससे इलाज महंगा हो जाएगा।

मुख्यमंत्री की चेतावनी का दिखा असर

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने गुरुवार को सभी डॉक्टरों को चेतावनी दी थी कि वे किसी भी कीमत पर रिम्स में हड़ताल नहीं करेंगे। इसका असर दिखा और सीनियर व जूनियर सभी डॉक्टरों ने ओपीडी सेवा में पूरा समय दिया। शनिवार को रिम्स ओपीडी में पर्याप्त संख्या में डॉक्टर मौजूद रहें। वहीं इंडोर में भी मरीजों का इलाज हुआ और ओटी में भी सामान्य ऑपरेशन हुए।

सदर अस्पताल से करीब 250 मरीज लौटें :

सदर अस्पताल में हड़ताल का आंशिक असर देखने को मिला। करीब 250 मरीज ओपीडी बंद रहने के कारण बिना इलाज के लौट गए। 235 मरीजों का इलाज इमरजेंसी में किया गया। जबकि सामान्य प्रसव व अन्य आपरेशन हुए। सदर ओपीडी बंद रहने के कारण अधिकतर लोग रिम्स में अपना इलाज करवाया।

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