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तीन साल तक स्मार्ट प्री-पेड मीटर ही लगेंगे

राज्य में अगले तीन वर्षों के दौरान स्मार्ट प्री-पेड मीटर ही लगाए जाएंगे। ऊर्जा मंत्रालय ने ऊर्जा संरक्षण, आसान बिलिंग और बिजली वितरण करने वाली कंपनी की वित्तीय स्थिति में सुधार को मद्देनजर रखते हुए...

तीन साल तक स्मार्ट प्री-पेड मीटर ही लगेंगे
हिन्दुस्तान टीम,रांचीFri, 31 Aug 2018 01:56 AM
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राज्य में अगले तीन वर्षों के दौरान स्मार्ट प्री-पेड मीटर ही लगाए जाएंगे। ऊर्जा मंत्रालय ने ऊर्जा संरक्षण, आसान बिलिंग और बिजली वितरण करने वाली कंपनी की वित्तीय स्थिति में सुधार को मद्देनजर रखते हुए वर्ष 2021 तक स्मार्ट प्री-पेड मीटर ही लगाने का निर्देश दिया है।

ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार ने दो दिन पहले दिल्ली में मीटर बनाने वाली कंपनियों और राज्यों के बिजली विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान सस्ती दर पर स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगाने का निर्देश दिया है। प्री-पेड मीटर में चिप लगी होती है। इसकी मदद से कंट्रोल रूम का नियंत्रण बना रहता है। आपूर्ति-भुगतान की व्यवस्था का संचालन ऑटोमेटिक होगा। रिचार्ज कराते ही बिजली आपूर्ति शुरू और रिचार्ज खत्म होते ही आपूर्ति बंद हो जाएगी।

प्री-पेड मीटर के तीन फायदे

आसान बिलिंग : प्री-पेड मीटर लगने के बाद बिल का झंझट खत्म हो जाएगा। मोबाइल की तरह रिचार्ज करा कर बिजली का उपयोग किया जा सकेगा। रिचार्ज की गई राशि के खत्म होने से पहले अलार्म बज जाएगा।

ऊर्जा संरक्षण : स्मार्ट प्री-पेड मीटर की मदद से वास्तविक समय में बिजली की खपत का पता चल सकेगा। इसके आधार पर बिजली के उपकरणों का उपयोग कम कर ऊर्जा और पैसे की बचत की जा सकेगी। दिल्ली, एनसीआर, बंगलूरू सहित कई स्थानों पर प्री-पेड मीटर का सफल उपयोग हो रहा है।

वित्तीय स्थिति सुधरेगी : झारखंड बिजली वितरण निगम (जेबीवीएनएल) की वित्तीय स्थिति में सुधार होगा। उपभोक्ताओं को न तो बिल देने की समस्या रहेगी न ही भुगतान प्राप्त करने की। उपभोक्ताओं को बिजली पहले भुगतान (रिचार्ज) कराने के बाद मिल सकेगी।

रांची से शुरूआत बाद में सभी शहरों में प्री-पेड मीट

रांची के 3.65 लाख उपभोक्ताओं के घर स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगाने के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू की जा रही है। करीब 256 करोड़ की लागत से राजधानी के सभी उपभोक्ताओं के घर स्मार्ट-प्री-पेड मीटर लगाए जाएंगे। दूसरे चरण में राज्य के दूसरे बड़े शहरों धनबाद, जमशेदपुर, बोकारो, कोडरमा, देवघर, डालटनगंज, हजारीबाग, चतरा, गढ़वा, चास, लातेहार आदि के 11 लाख उपभोक्ताओं के घर स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगाए जाएंगे।

राजस्व वसूली बड़ी चुनौती

जेबीवीएनएल हर घर बिजली योजना के तहत कनेक्शन का काम तेजी से कर रहा है। लेकिन कई क्षेत्रों में बिजली बिल की वसूली समस्या बन गई है। यह समस्या दूसरे राज्यों से भी आ रही है। स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार बिलिंग प्रक्रिया को ही समाप्त कर स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगाने पर जोर रही है। ताकि रिचार्ज के आधार पर बिजली उपयोग की व्यवस्था बहाल हो सके।

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