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कागज पर ही ओडीएफ हो पाई रांची, सच्चाई कुछ और

दो अक्तूबर गांधी जयंती के मौके पर झारखंड सरकार ने सूबे के सभी शहरी नगर निकायों को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) घोषित कर दिया। ओडीएफ होने वालों में रांची नगर निगम भी शामिल था। रांची नगर निगम ने...

कागज पर ही ओडीएफ हो पाई रांची, सच्चाई कुछ और
हिन्दुस्तान टीम,रांचीSun, 08 Oct 2017 12:12 AM
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दो अक्तूबर गांधी जयंती के मौके पर झारखंड सरकार ने सूबे के सभी शहरी नगर निकायों को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) घोषित कर दिया। ओडीएफ होने वालों में रांची नगर निगम भी शामिल था। रांची नगर निगम ने कागजों में अपने 55 वार्डों को ओडीएफ तो घोषित कर दिया। दावा किया कि जितने आवेदन आए उतने शौचालय बना दिए गए। आवेदन लेने के लिए वार्डों में कैंप भी लगाए गए। 30 सितंबर तक करीब 31,600 शौचालयों को निर्माण कराया गया। लेकिन निगम का ओडीएफ का कागजी दावा जमीन पर फेल है। आज भी बड़ी संख्या में लोग खुले में शौच के लिए नदी, तालाब, खुले मैदान, रेलवे लाइन, डैम के किनारे सुबह-सुबह जा रहे हैं। शनिवार को अहले सुबह हिन्दुस्तान की फोटो जर्नलिस्ट की टीम ने ओडीएफ हो चुके रांची नगर निगम के अलग-अलग वार्डों की पड़ताल की। जिसमें नगर निगम का दावा पूरी तरह से फेल दिखा। रोजाना की तरह लोग हाथ में प्लास्टिक की बोतल लिए खुले में शौच करते जाते दिखे। ओडीएफ के सच पर पेश है राजधानी रांची के अलग-अलग क्षेत्रों की रिपोर्ट:- हरमू नदी से लेकर मुक्तिधाम तक हरमू नदी के आसपास सुबह चार बजे लोग खुले में शौच करने जाते दिखे। इनमें महिला और पुरुष दोनों शामिल थे। खुले में शौच जाते हरमू विद्यानगर के रहने वाले सुनील ने बताया कि उसके घर में शौचालय नहीं है। इसलिए खुले में उनके परिवार के पांचों सदस्य खुले में शौच को जाते हैं। हरमू मुक्तिधाम के आसपास नदी और दीवार के किनारे बड़ी संख्या में लोग सुबह सात बजे तक शौच के लिए आते जाते दिखे। चाला नगर के उमेश यादव ने बताया कि उन्होंने स्थानीय पार्षद को शौचालय बनाने के लिए आवेदन दिया था, लेकिन अबतक शौचालय नहीं बन पाया। कांके और धुर्वा डैम के पास खुले में शौच हरमू की तरह कांके और धुर्वा डैम के आसपास के क्षेत्र में लोग खुले में शौच करते दिखे। खुले में शौच जाने की शुरुआत सूरज निकलने से पहले ही हो गई थी, यह सिलसिला सुबह साढ़े सात बजे तक चलता दिखा। कांके डैम के आसपास तो स्थिति भयवाहक दिखी, चारों तरफ लोग खुले में शौच करते ही दिख रहे थे। यह इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हरमू नदी, आनंदपुरी, मधुकम, पावर हाउस, मुक्तिधाम हरमू, हरमू विद्या नगर, डोरंडा घाघरा, मनिटोला, एयरपोर्ट के पीछे, हटिया रेलवे लाइन, धुर्वा बस स्टैंड, धुर्वा डैम, शालीमार बाजार, जगन्नाथपुर बस्ती, जेसीए स्टेडीयम के पीछे, हटिया रेलवे लाइन, डिबडिह, अरगोड़ा तालाब, कडरु बस्ती, अरगोड़ा स्टेशन, बिरसा चौक, मधुकम, खादगढ़ा, सामलौंग, नामकुम सुवर्णरेखा, कांके चांदनी चौक, पहाड़ीटोला, आईटीआई बस स्टैंड, बरियातू बस्ती, टुनकी टोला, जेल मोड़, नगर निगम के सामने। लुंगी खोले से लेकर वसूला जुर्माना पर असर नहीं खुले में शौच को रोकने के लिए नगर निगम ने कई नामों से अभियान चलाए। इसमें सबसे बदनाम अभियान रहा लुंगी खोले अभियान। पूरे देश भर की मीडिया में इस अभियान की अलोचना हुई। निगम ने एक दिन में लुंगी खोले अभियान को बंद भी कर दिया। इसके बाद खुले में शौच करने वालों निगम की इनफोर्समेंट टीम अपनी गाड़ी में बिठाकर दूर छोड़ने लगी। और लोगों से 100-100 रुपए जुर्माना भी वसूला गया। वर्जन- शांतनु अग्रहरि, नगर आयुक्त रांची नगर निगम शौचालय बनाने के लिए जितने भी लोगों ने आवेदन दिया निगम ने उनके लिए शौचालय का निर्माण करा दिया। जहां लोगों के पास जमीन नहीं थी या लोग किराए में रह रहे हैं उनके लिए सामुदायिक शौचालय का निर्माण भी कराया गया। अब जागरूकता की जरूरत है कि लोग शौचालय का इस्तेमाल करें। नोट- रांची नगर निगम क्षेत्र में 55 से अधिक शुलभ शौचालय हैं, इसके अलावा 22 कम्युनिटी टॉयलेट और 80 के करीब मॉड्युलर टॉयलेट हैं।

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