अब चांदी को सोना में बदलने पर फोकस होगा : मधुमिता
हम स्वर्ण पदक नहीं जीत सके, इसका अफसोस है, लेकिन यह मेरी शुरुआत है। अब मेरा फोकस चांदी के रंग को सोने में बदलने पर होगा। इसकी तैयारी में कोई कसर नहीं छोडूंगी। मेरा खेल ओलंपिक में नहीं है। अगर ओलंपिक...
हम स्वर्ण पदक नहीं जीत सके, इसका अफसोस है, लेकिन यह मेरी शुरुआत है। अब मेरा फोकस चांदी के रंग को सोने में बदलने पर होगा। इसकी तैयारी में कोई कसर नहीं छोडूंगी। मेरा खेल ओलंपिक में नहीं है। अगर ओलंपिक में शामिल होगा, तो ओलंपिक मेडल मेरा पहला लक्ष्य है। एशियाई खेलों के कंपाउंड टीम इवेंट में रजत पदक प्राप्त करनेवाली सिल्ली की तीरंदाज मधुमिता ने यह बातें शनिवार को कहीं। जकार्ता में हुए एशियाई खेल में पदक हासिल कर मधुमिता शनिवार को रांची लौटी।
मुझपर काफी दबाव था : टीम में शामिल चार तीरंदाजों में एक को बाहर होना था। मधुमिता ने बताया कि सबसे युवा व अनुभवहीन होने के कारण मुझपर इसका दवाब था, लेकिन मैंने इस चैलेंज को स्वीकार किया और अंतिम तीन में स्थान बनाया। इसका श्रेय मेरे कोच प्रकाश राम को जाता है, जिन्होंने हर परिस्थिति में धैर्य बनाए रखने के लिए प्रेरित किया। स्वर्ण से चूकने पर पूछे गए सवाल में मधुमिता ने कहा कि उस दिन ना तो किस्मत हमारे साथ था और ना ही हवा। हवा में अभ्यास नहीं करने का असर हमारे प्रदर्शन पर पड़ा। चूंकि कोरियाई टीम ऐसे माहौल में अभ्यास करती रही है इसलिए उन्हें इसका लाभ मिला।
सरकार सोचे, मेरा फोकस बस खेल
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मधुमिता को 10 लाख रुपए देने की घोषणा की है। यह राशि खेल नीति के तहत दी जाएगी। इस संबंध में पूछे गए सवाल पर मधुमिता ने कहा कि सरकार को इसबारे में सोचना चाहिए, मेरा फोकस बस खेल है। उन्होंने कहा कि वैसे सुदेश महतो एक अभिभावक के रूप में मेरी हर इच्छा पूरी करते हैं । मुझे क्या आवश्यकता है और मुझे कैसे अभ्यास करना है वे इसका पूरा ध्यान रखते हैं।