झारखंड को बिहार से मिले नौ मेगावाट के हाइडल प्लांट
बिहार सरकार की ओर से झारखंड की सीमा में स्थित दो हाइडल प्लांटों को झारखंड सरकार के अधिकार में देने का फैसला लिया गया है। इससे झारखंड के पास कुल नौ मेगावाट क्षमता वाले दो और हाइडल प्लांट आ गए हैं।...
बिहार सरकार की ओर से झारखंड की सीमा में स्थित दो हाइडल प्लांटों को झारखंड सरकार के अधिकार में देने का फैसला लिया गया है। इससे झारखंड के पास कुल नौ मेगावाट क्षमता वाले दो और हाइडल प्लांट आ गए हैं। इनमें से दो यूनिटों का एक हाइडल प्लांट चांडिल डैम के नीचे है। चार-चार मेगावाट की दोनों यूनिटें कुल मिलाकर आठ मेगावाट की हैं। इसी तरह तेनु-बोकारो लिंक नहर पर एक मेगावाट का एक हाइडल प्लांट है। बिहार सरकार की ओर से ये दोनों हाइडल प्लांट झारखंड सरकार को सौंपने की बात झारखंड हाईकोर्ट में एक सुनवाई के दौरान कही गई। इस बारिश में उत्पादन नहीं झारखंड सरकार को ये दोनों हाइडल प्लांट सौंपे जाने के बाद भी वहां अभी उत्पादन शुरू होना मुश्किल है। क्योंकि, इन दोनों प्लांटों से ग्रिड तक ले जाने के लिए संचरण लाइन ही नहीं है। चांडिल हाइडल प्लांट से नजदीकी पावर ग्रिड पानीक्यू में है। जो साढ़े आठ किलोमीटर दूर है। इसी तरह तेनु-बोकारो लिंक नहर पर स्थित हाइडल प्लांट से सबसे नजदीक का पावर ग्रिड कठारा में स्थित है। जो छह किलोमीट दूर है। दोनों हाइडल प्लांट को पावर ग्रिड से जोड़ने में लगभग एक करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसलिए इन दोनों हाइडल प्लांट को झारखंड को सौंपे जाने के बाद भी वहां इस बारिश में पनबिजली का उत्पादन संभव नहीं है।