ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News झारखंड रांचीरांची में बनेंगे नौसेना के युद्धपोत के इंजन

रांची में बनेंगे नौसेना के युद्धपोत के इंजन

रांची में भी अब नौसेना के जहाजों के इंजन बनेंगे। भारतीय नौसेना के लिए मध्यम दर्जे वाले युद्धपोत (फ्रिगेट) का निर्माण किया...

रांची में बनेंगे नौसेना के युद्धपोत के इंजन
हिन्दुस्तान टीम,रांचीThu, 13 Aug 2020 09:51 PM
ऐप पर पढ़ें

रांची में भी अब नौसेना के जहाजों के इंजन बनेंगे। भारतीय नौसेना के लिए मध्यम दर्जे वाले युद्धपोत (फ्रिगेट) का निर्माण किया जाएगा। रक्षा मंत्रालय के गार्डेन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड के रांची स्थित मेरीन डीजल इंजन प्लांट में इंजन का निर्माण होगा। इंजन का निर्माण एचईसी और रक्षा मंत्रालय के प्रतिष्ठान गार्डेन रीच मिलकर करेंगे। हाल ही में एचईसी ने रूसी कंपनियों के साथ युद्धपोत के इंजन निर्माण के लिए समझौता किया है। रूसी कंपनियों की तकनीक का इस्तेमाल भी निर्माण में किया जाएगा। इंजन निर्माण के लिए एचईसी और मेरिन डीजल के बीच एमओयू पहले ही हो चुका है। केंद्र सरकार से अब इसकी मंजूरी मिल गई है। इस माह के अंत तक इसका ब्लू प्रिंट तैयार हो जाएगा। इसके बाद इंजन का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। इस इंजन के निर्माण के लिए मेरीन डीजल प्लांट में आधुनिक शॉप तैयार कर लिया गया है। मेरिन डीजल प्लांट में पहले जहाज के इंजन की एसेंबलिंग और मरम्मत की जाती थी। अब इसका आधुनिकीकरण किया गया है। इसके बाद इसकी क्षमता बढ़ी है। अब यहां जहाज के इंजन के साथ-साथ मध्यम दर्जे के युद्धपोत का निर्माण भी किया जा सकता है। रक्षा मंत्रालय के अधीन चलने वाली गार्डन रीच के पास जहाज के इंजन निर्माण के कार्यादेश बढ़ने के बाद इस प्लांट का उपयोग करने को सोचा गया। इसके लिए एचईसी से बात की गई।रूस की तकनीक का होगा इस्तेमालएचईसी ने रूस के सहयोग से तकनीक देने और निर्माण में सहयोग करने की बात कही। इसके बाद संयुक्त रूप से इंजन निर्माण करने का निर्णय लिया गया। मेरिन डीजल प्लांट का 12 करोड़ खर्च कर आधुनिकीकरण किया गया है। मेक इन इंडिया के तहत यहां काम किया जाएगा। नए शॉप में इपोक्सी फ्लोरिंग, इंजन पेंट बूथ, एसी स्टोर, एसी टूल रूम के साथ ही चार हजार से अधिक क्षमता के सीरीज इंजनों के असेंबल करने की भी व्यवस्था है।नौसेना ने बनाया अधिकृत वेंडरएचईसी को नौसेना ने अपना अधिकृत वेंडर बनाया है। इसके तहत नौसेना अब एचईसी को सीधे कार्यादेश देगा। नौसेना के काम के लिए एचईसी में भी एक यूनिट खोली गई है।क्या है फ्रिगेट फ्रिगेट एक मध्यम आकार का युद्धपोत होता है, जिसे तेज गति और फुर्ती से दिशा बदलने की दृष्टि से निर्माण किया जाता है। इसका प्रयोग अन्य नौकाओं और जहाजों के साथ चलकर उनकी रक्षा करने, उनके लिए सामान और रसद लाने-जाने और तेजी से किसी छोटी नौका को पकड़ने के लिए किया जाता है।नौसेना के लिए एचईसी का योगदानआइएनएस राणा के लिए गियर सिस्टमयुद्धपोत के लिए आरमर प्लेट का निर्माणआधुनिक राडार का निर्माणपरमाणु पनडुब्बी के महत्वपूर्ण उपकरणों का निर्माणरक्षा मंत्रालय के लिए एचईसी का योगदानइंडियन माउंड गन एमके 2 की असेंबलिंग105 एमएम गैन बैरल का निर्माण टी-72 टैंक की कास्टिंग120 एमएम गन का हीट ट्रीटमेंट और मशीनिंग

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें