National Task Force Launches Portal for Student Mental Health and Suicide Prevention विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य व आत्महत्या रोकथाम पर राष्ट्रीय टास्क फोर्स की पहल, Ranchi Hindi News - Hindustan
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विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य व आत्महत्या रोकथाम पर राष्ट्रीय टास्क फोर्स की पहल

उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर गठित राष्ट्रीय टास्क फोर्स ने विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए 8 अगस्त को एक वेबसाइट लॉन्च की। इस पर ऑनलाइन सर्वेक्षण से प्रतिक्रिया ली जाएगी,...

Newswrap हिन्दुस्तान, रांचीSun, 7 Sep 2025 08:11 PM
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विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य व आत्महत्या रोकथाम पर राष्ट्रीय टास्क फोर्स की पहल

रांची, विशेष संवाददाता। विद्यार्थियों में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं और शैक्षणिक संस्थानों में आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर गठित राष्ट्रीय टास्क फोर्स ने इस वर्ष 8 अगस्त को अपनी आधिकारिक वेबसाइट https://ntf.education.gov.in लॉन्च की। यह टास्क फोर्स विद्यार्थियों की भलाई सुनिश्चित करने, आत्महत्या की घटनाओं की रोकथाम करने और कैंपस माहौल को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न हितधारकों-विद्यार्थियों, अभिभावकों, शिक्षकों, मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों और संस्थानों, से सुझाव प्राप्त कर ठोस सिफारिशें तैयार करेगी। इस पोर्टल पर अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं में ऑनलाइन सर्वे प्रश्नावली उपलब्ध है, जिसमें कैंपस वातावरण, समावेशिता, मानसिक दबाव, भेदभाव, मौजूदा सहायता तंत्र और शिकायत निवारण व्यवस्था से संबंधित गुमनाम व गोपनीय प्रतिक्रियाएं एकत्रित की जाएंगी।

इसके अलावा संस्थागत सर्वेक्षण भी होंगे, जिन्हें सिर्फ उच्च शिक्षण संस्थान अपने एआईएसएचई यूजर क्रेडेंशियल से भर सकते हैं। इससे झारखंड के विश्वविद्यालय और कॉलेज सीधे तौर पर अपनी व्यवस्थाओं की वास्तविक स्थिति सामने रख पाएंगे। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों से अनुरोध किया है कि इस वेबसाइट पर जाकर सर्वेक्षणों में सक्रिय भागीदारी करें। साथ ही, विद्यार्थियों और शिक्षकों तक इस पहल की जानकारी व्यापक रूप से पहुंचाएं। इसके अलावा समयबद्ध और ईमानदारी से प्रतिक्रियाएं साझा करने को कहा गया है। झारखंड के उच्च शिक्षण संस्थानों, विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में विविध सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के छात्र-छात्राएं पढ़ाई करते हैं। यहां अक्सर विद्यार्थियों को संसाधनों की कमी, आर्थिक दबाव और प्रतिस्पर्धात्मक माहौल जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इन परिस्थितियों में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर सजगता और संस्थागत सहयोग आवश्यक है। यूजीसी ने स्पष्ट किया है कि यह पहल प्राथमिकता और व्यापक प्रचार-प्रसार की मांग करती है, ताकि देश के सभी हिस्सों से वास्तविक और उपयोगी सुझाव प्राप्त कर छात्रहित में ठोस कदम उठाए जा सकें।

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