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मुहर्रम के जुलूस में लहरा तिरंगा, या अली या हुसैन से गूंजा शहर

देशभक्ति गीतों और या अली, या हुसैन...नारों से पूरा शहर गूंज उठा। मौका था शनिवार को राजधानी में निकले मुहर्रम जुलूस का। रांची, डोरंडा और अन्य मुहल्ले से निकले पहलाम के जुलूस में शामिल बाजा वाले ने...

मुहर्रम के जुलूस में लहरा तिरंगा, या अली या हुसैन से गूंजा शहर
वरीय संवाददाता,रांचीSat, 22 Sep 2018 11:54 PM
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देशभक्ति गीतों और या अली, या हुसैन...नारों से पूरा शहर गूंज उठा। मौका था शनिवार को राजधानी में निकले मुहर्रम जुलूस का। रांची, डोरंडा और अन्य मुहल्ले से निकले पहलाम के जुलूस में शामिल बाजा वाले ने सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तां हमारा...मेरा कर्मा तू, मेरा धर्मा तू...जैसे गीतों की धुन बजाई। 
मुहर्रम का जुलूस तय दोपहर 12 बजे सभी इलाकों से निकला। तीन बजे सभी अखाड़े अलबर्ट एक्का चौक के पास जमा हुए। जुलूस में शामिल हर हुसैनी यही कह रहा था कि इस्लाम जिंदा होता है हर कर्बाला के बाद...। कर्बला की अजमत को लाखों सलाम, नाना के लाडले को लाखों सलाम। यह कहते हुए जोरों से लोग नारे तकबीर अल्लाह हो अकबर, या अली, या हुसैन का नारा बुलंद किया गया। 
अलबर्ट एक्का चौक से जुलूस टैक्सी स्टैंड, लेक रोड मिलन चौक, लेक रोड, उर्दू लाइब्रेरी, सर्जना चौक, शहीद चौक, श्रद्धानंद रोड और महावीर चौक तक गया। चौक-चौराहों पर लाठी, भाला, फरसा आदि से खेल दिखाते हुए नौजवान लोगों की नजर अपनी ओर खींच रहे थे। सड़क के दोनों ओर मुहर्रम जुलूस देखने वालों की भीड़ लगी रही। बच्चों ने लाठी का खूब खेल दिखाया। बड़ों ने तलवारबाजी की। वहां से सभी जुलूस अपने-अपने क्षेत्र लौट गया। जुलूस का संचालन सेंट्रल मुहर्रम कमेटी के अध्यक्ष गुल मोहम्मद गद्दी, महासचिव अकीलुर्रहमान, शाहीद अख्तर और अन्य लोग कर रहे थे।
खिलाड़ियों ने किया प्रदर्शन
जुलूस में शामिल खिलाड़ी अपने खेल का प्रदर्शन कर रहे थे। शम्स मुहर्रम कमेटी हिंदपीढ़ी और धवताल अखाड़ा के खिलाड़ियों द्वारा आग के खेल का प्रदर्शन किया। वहीं कुछ बच्चियों ने भी अस्त्र-शस्त्र का खेल दिखाया।
झांकी के साथ खूब लहराया तिरंगा
इस बार के मुहर्रम के जुलूस में तिरंगा खूब लहराया है। तकरीबन हर मुहर्रम कमेटी इस्लामिक निशान और तिरंगा के साथ जुलूस लेकर निकले। वहीं झांकियों में भी देशभक्ति नजर आयी। थड़पखना मुहर्रम कमेटी की ओर से सिपड़ और केरल में हुई तबाही को झांकी के रूप में दर्शाया। वहीं लालपुर मुहर्रम कमेटी की ओर से ताजिया के साथ ऊंट और घोड़े निकाले गए। 
बाजा वाले ने भी दिखाया करतब
वहीं बाजा वाले भी अपना करतब दिखा रहे थे। कभी वह बैठक कर डंका बजा रहे थे, तो कभी गोल घुमकर। वहीं ताशा बजाने वाले तो अपने ही अंदाज में थे। कभी वह कंधे पर खड़े होकर ताशा बजा रहे थे, तो कभी जमीन पर लेटकर। इस तरह का करतब दिखाकर लोगों का मन मोह रहे थे।  
इन इलाकों से निकला जुलूस
धवताल अखाड़ा, इमाम बख्श अखाड़ा, कुल्हाड़ी शाह बाबा मुहर्रम कमेटी कांके, नौजवान मुहर्रम कमेटी जयपुर, थड़पखना मुहर्रम कमेटी, मोरहाबादी मुहर्रम कमेटी, लोहराकोचा मुहर्रम कमेटी, लालपुर मुहर्रम कमेटी, लीलू अली अखाड़ा मुहर्रम कमेटी, कोहेनूर घोल, हम्मत मुहर्रम कमेटी, हरमू मुहर्रम कमेटी, पहाड़ी टोली मुहर्रम कमेटी, गाड़ी खाना मुहर्रम कमेटी, हरमू मुहर्रम कमेटी समेत तीन दर्जन से अधिक अखाड़ा निकाला गया था। 
कर्बला चौक पर लगा मेला
मुहर्रम के अवसर पर कर्बला चौक पर मेला लगाया गया। कर्बला चौक स्थित मुख्य इमामबाड़ा में फातिहा कराने के बाद लोगों ने मेले का लुफ्त उठा रहे थे। शाम ढलते ही मेले में बड़ी संख्या में लोग उमड़ पड़े। मेले में खाने-पीने से लेकर खिलौने और चाट-फुचका की भी दुकानें लगी थीं।  
गरी-धनिया की हुई बिक्री
मुहर्रम के अवसर पर गरी-धनिया मिठाई की खूब बिक्री हुई। उर्दू लाइब्रेरी के पास गरी-धनिया की तकरीबन 10 दुकानें लगाई गई थीं। वहीं कर्बला चौक के पास 20 दुकानें लगी थीं। 120 रुपये प्रति किलो के हिसाब से इसकी बिक्री हो रही थी। यह मिठाई साल में एक ही दिन मिलती है।  
 

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