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एमपीडब्ल्यू कर्मियों का विरोध प्रदर्शन जारी

एमपीडब्ल्यू कर्मियों का विभाग में समायोजन किया जाना चाहिए : पवन कुमार फोटो -...

एमपीडब्ल्यू कर्मियों का विरोध प्रदर्शन जारी
हिन्दुस्तान टीम,रांचीTue, 18 Jan 2022 08:30 PM
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रांची। वरीय संवाददाता

झारखंड एमपीडब्ल्यू कर्मचारी संघ के आह्वान पर राज्य के सभी कर्मियों का विरोध-प्रदर्शन दूसरे दिन मंगलवार को भी जारी रहा। कर्मियों ने काला बिल्ला लगाकर कार्य किया। साथ ही विरोध भी दर्ज कराया। संघ के प्रदेश अध्यक्ष पवन कुमार ने कहा कि एमपीडब्ल्यू की बहाली 2008 में हुई थी। लगभग 13 वर्ष बीत जाने के बावजूद आजतक एमपीडब्ल्यू का समायोजन विभाग में नहीं किया गया है और न ही 2016 से मानदेय में एक रुपये की वृद्धि की गई है। यह विभाग एवं राज्य सरकार की उदासीनता को दर्शाता है, जबकि एमपीडब्ल्यू अपने मूल कार्य के अलावा इस कोरोना काल में फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के साथ बैठक में मानदेय बढ़ाने पर सहमति बनी थी, लेकिन अभी तक इसे लागू नहीं किया गया है।

पवन कुमार ने संघ की मांगें दोहराते हुए कहा कि राज्य के सभी एमपीडब्ल्यू का आरसीएच के तर्ज पर अति शीघ्र विभाग में समायोजन किया जाना चाहिए। विभाग में लंबित वेतन वृद्धि की संचिका को अविलंब वित्त विभाग को भेजते हुए कैबिनेट की स्वीकृति मिलनी चाहिए। कहा कि कोरोना का कार्य कर रहे सभी एमपीडब्ल्यू स्वास्थ्य कर्मियों का 50 लाख रुपये का जीवन बीमा किया जाए और कोरोना का कार्य कर रहे कर्मियों को 2020 की तरह एक माह का अतिरिक्त वेतन दिया जाए। पवन कुमार ने कहा कि जबतक संघ की मांगें नहीं मानी जातीं, तबतक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। संघ ने पवन कुमार पर एसडीओ खूंटी द्वारा अभद्र व्यवहार करने के लिए नियम संगत कानूनी कार्रवाई की भी मांग की। आंदोलन का समर्थन कर रहे झारखंड अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के महामंत्री सुनील कुमार शाह ने कहा कि सभी जिलों में अनुबंध कर्मियों का शोषण हो रहा है। सरकार इनसे काम ले रही है, लेकिन इनके भविष्य के बारे में विचार नहीं कर रही है।

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