ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News झारखंड रांचीमिशन एडमिशन : 12वीं के बाद करें एनवायरमेंट एंड वॉटर मैनेजमेंट की पढ़ाई

मिशन एडमिशन : 12वीं के बाद करें एनवायरमेंट एंड वॉटर मैनेजमेंट की पढ़ाई

रांची विश्वविद्यालय के अंतर्गत सिर्फ जेएन कॉलेज धुर्वा में एनवायरमेंट एंड वाटर मैनेजमेंट का डिग्री कोर्स...

मिशन एडमिशन : 12वीं के बाद करें एनवायरमेंट एंड वॉटर मैनेजमेंट की पढ़ाई
हिन्दुस्तान टीम,रांचीThu, 06 Aug 2020 10:12 PM
ऐप पर पढ़ें

12वीं के बाद रेग्युलर कोर्स से हटकर कुछ अलग और रोजगारपरक अध्ययन करने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए एनवायरमेंट एंड वॉटर मैनेजमेंट अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। खास बात यह है कि इसमें किसी भी संकाय से 12वीं उत्तीर्ण छात्र-छात्राएं नामांकन ले सकते हैं। रांची विश्वविद्यालय के अंतर्गत सिर्फ जेएन कॉलेज धुर्वा में एनवायरमेंट एंड वॉटर मैनेजमेंट की पढ़ाई होती है। इसमें न्यूनतम 45 प्रतिशत प्राप्तांक के साथ 12वीं उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं का सीधा नामांकन लिया जाएगा। पर्यावरण संरक्षण और जल प्रबंधन एक वैश्विक चिंता है। इनकी बेहतर व्यवस्था के लिए कुशल मानव संसाधन की जरूरत विश्वभर में है। करियर गुरुओं के मुताबिक यह पाठ्यक्रम न सिर्फ मौलिक है, बल्कि सरकारी और निजी क्षेत्रों में अवसरों के द्वार खोलता है।रोजगारपरक पाठ्यक्रमएनवायरमेंट एंड वॉटर मैनेजमेंट तीन वर्षीय यह पाठ्यक्रम मौलिक होने के साथ रोजगारपरक भी है। इसमें पर्यावरण विज्ञान, पृथ्वी प्रक्रियाओं की समझ, वैकल्पिक ऊर्जा प्रणालियों का मूल्यांकन, प्रदूषण नियंत्रण और शमन, प्राकृतिक प्रबंधन, वैश्विक जलवायु परिवर्तन के प्रभाव, जैसे विषयों के अध्ययन को शामिल किया है। इसमें सतही जल, उपसतही जल, कचरा प्रबंधन, वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, जल प्रदूषण, औद्योगिक कचरा, जल संसाधन आदि पहलुओं को समेटा गया है। इसके स्नातकों के लिए प्लास्टिक उद्योग, नगर निगम, पेयजल व स्वच्छता विभाग, फूड इंडस्ट्री, वन विभाग आदि में करियर की अच्छी संभावनाएं हैं। इसके अलावा वाटर एनवायरमेंट एंड वॉटर मैनेजमेंट स्नातकों के लिए इकोलॉजिस्ट, पर्यावरणविद, हाइड्रोलॉजिस्ट आदि बनने के रास्ते खुलते हैं। साथ ही फार्मास्यूटिकल उद्योग, कोयला खदान खनन क्षेत्र, सिंचाई के अलावा सरकारी और निजी क्षेत्रों में इनके लिए भरपूर अवसर हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, केंद्रीय भूगर्भ जल बोर्ड में इस विषय के स्नातकों की नियुक्तियां होती हैं। इसके अलावा पर्यावरण वैज्ञानिक, पर्यावरण प्रबंधन विशेषज्ञ, वन्यजीव विशेषज्ञ, जीवविज्ञान विशेषज्ञ, पर्यावरण सलाहकार, भूगर्भशास्त्री बन सकते हैं। शिक्षण के क्षेत्र में भी करियर की अच्छी संभावनाएं हैं। अक्षय ऊर्जा क्षेत्र, अपशिष्ट प्रबंधन विशेषज्ञ, आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य क्षेत्र, पर्यावरण वकील के रूप में अवसर उपलब्ध हैं।ऑफलाइन सीधा नामांकन लेंजेएन कॉलेज धुर्वा में एनवायरमेंट एंड वाटर मैनेजमेंट का वोकेशनल पाठ्यक्रम उपलब्ध है। इच्छुक विद्यार्थी इसमें ऑनर्स कर सकते हैं। साइंस के सभी विषयों, कॉमर्स और आर्ट्स में- भूगोल, गृह विज्ञान, अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान विषयों में न्यूनतम 45 प्रतिशत प्राप्तांक से 12वीं उत्तीर्ण छात्रा-छात्राएं इसमें ऑफलाइन सीधा नामांकन ले सकते हैं। फार्म की कीमत सामान्य व ओबीसी श्रेणी के विद्यार्थियों के लिए 1000 रुपए और एससी-एसटी विद्यार्थियों के लिए 800 रुपए है। फॉर्म किसी भी कार्य दिवस में कॉलेज कार्यालय से प्राप्त किया जा सकता है। इसमें 50 सीटें हैं। इसके अलावा दो सीटें बीपीएल श्रेणी के विद्यार्थियों के लिए आरक्षित हैं। तीन वर्षीय इस पाठ्यक्रम में छह सेमेस्टर हैं। प्रति सेमेस्टर फीस सामान्य श्रेणी के विद्यार्थियों के लिए- 10,000 रुपए, ओबीसी के लिए- 9000 और एसटी/एससी विद्यार्थियों के लिए- 8000 रुपए है।विशेषज्ञ की सलाहयह एक शोध आधारित पाठ्यक्रम है। इसमें स्नातक करने के बाद सरकारी और गैरसरकारी क्षेत्रों में करियर की अच्छी संभावनाएं हैं। इस विषय के स्नातकों की देश-विदेश में काफी मांग है। हमारे विद्यार्थी हर जगह हैं रांची विश्वविद्यालय में यह कोर्स सिर्फ जेएन कॉलेज धुर्वा में ही उपलब्ध है।- प्रो एसएन उरांव, समन्वयक एनवायरमेंट एंड वाटर मैनेजमेंट विभाग, जेएन कॉलेज धुर्वा

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें