प्रशासन ने जेसीबी से पक्के निर्माण किए ध्वस्त, व्यापारियों ने जताया विरोध
मुरहू में जिला प्रशासन के निर्देश पर सबसे बड़ा अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया। 35 से 45 फीट तक की भूमि को अतिक्रमण से मुक्त किया गया। अभियान के दौरान पक्के निर्माणों को जेसीबी से तोड़ा गया। ग्रामीणों...

मुरहू, प्रतिनिधि। जिला प्रशासन के निर्देश पर रविवार को मुरहू में अब तक का सबसे बड़ा अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया। सीओ शंकर कुमार विद्यार्थी, थाना प्रभारी रामदेव यादव और एमवीआई मो. शाहनवाज की देखरेख में महादेव मंडा से लेकर डूडरी चौक तक मुख्य सड़क के दोनों ओर 35 से 45 फीट तक नापी कर कार्रवाई की गई। अभियान सुबह नौ बजे शुरू होकर शाम लगभग चार बजे तक चला। इस दौरान बाहर किए गए पक्के निर्माणों को जेसीबी से तोड़ दिया गया और अवैध अतिक्रमण को पूरी तरह से हटा दिया गया। पहली बार इतना बड़ा अभियान: मुरहू जैसे ग्रामीण इलाके में पहली बार इस स्तर का अभियान चलाया गया।
प्रशासनिक टीम ने सड़क किनारे रखे सामान, अवैध रूप से बनाए गए शेड और दुकानों के बाहर किए गए पक्के निर्माण को भी हटाया। अभियान के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी। बाजार में दिनभर सन्नाटा छाया रहा। अियान को लेकर लोगों में दिखी नाराजगी: अभियान की खबर लगते ही कई लोगों ने स्वयं ही अपने कब्जे हटाने शुरू कर दिए थे। इसके बाद भी प्रशासन ने जेसीबी से सड़क किनारे की भूमि को समतल किया। स्थानीय लोगों ने इस पर नाराजगी व्यक्त की। ग्रामीणों का कहना है कि मुरहू एक ग्रामीण क्षेत्र है और यहां केवल गुरुवार को साप्ताहिक हाट लगता है। अन्य दिनों में बाजार लगभग खाली रहता है। व्यापारियों का पक्के निर्माण तोड़ने का किया विरोध: व्यापारी संघ मुरहू ने प्रशासनिक कार्रवाई का विरोध करते हुए कहा कि कोविड काल से बाजार की स्थिति पहले से खराब है और नक्सल समस्या के कारण हाट की रौनक भी घट गई है। ऐसे में दुकानों के बाहर बैठने की जगह तक न होना व्यापारियों के लिए बड़ी समस्या है। उन्होंने कहा कि खूंटी शहर में भी इस तरह का अभियान नहीं चलता, इसलिए ग्रामीण क्षेत्र में इतनी कठोर कार्रवाई समझ से परे है।
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