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लॉकडाउन : दुर्गा बाटी में पहली बार नहीं हुई मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा

श्रीश्री हरि सभा व दुर्गा पूजा समिति (दुर्गा बाटी) में मां अन्नपूर्णा की पूजा बुधवार को कलश स्थापना कर संपन्न की गई। दुर्गा बाटी के इतिहास में यह पहला मौका था, जब मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा की प्राण...

लॉकडाउन : दुर्गा बाटी में पहली बार नहीं हुई मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा
हिन्दुस्तान टीम,रांचीThu, 02 Apr 2020 02:24 AM
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श्रीश्री हरि सभा व दुर्गा पूजा समिति (दुर्गा बाटी) में मां अन्नपूर्णा की पूजा बुधवार को कलश स्थापना कर संपन्न की गई। दुर्गा बाटी के इतिहास में यह पहला मौका था, जब मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा न कर, कलश स्थापित कर पूजा की गई।

यह निर्णय मंदिर समिति ने वर्तमान में जारी 21 दिनों के लॉकडाउन का पालन करते पालन करते हुए किया। दुर्गा बाटी में मां अन्नपूर्णा की पूजा 1936 से हो रही है। मां अन्नपूर्णा की पूजा में एक ही दिन में षष्ठी सप्तमी अष्टमी और नवमी तिथि की पूजा संपन्न कराने की परंपरा है। पूजा 9:30 बजे आरंभ हुई।

अष्टमी व नवमी पूजा दोपहरदोपहर 1:30 बजे तक चली। उसके बाद मां अन्नपूर्णा को फल, मिष्ठान के प्रसाद सहित सब्जी, भुजिया, खिचड़ी व खीर का भोग निवेदन किया गया। भोग निवेदन के बाद आरती हुई, फिर पुष्पांजलि अर्पण कर हवन किया गया। दोपहर 2:30 बजे संपन्न हुई।

संपूर्ण पूजा अनुष्ठान दुर्गा बाटी के पुरोहित कांति चटर्जी ने संपन्न कराया। उनके सहयोगी के रूप में मंदिर के ही बलभद्र मिश्रा रहे। पूजा के दौरान मंदिर प्रांगण में पूरी तरह से लॉक डाउन का पालन किया गया। मंदिर प्रांगण में किसी भी श्रद्धालु को प्रवेश नहीं दिया गया। इसकी सूचना पूर्व में ही पूजा समिति की ओर से जारी की जा चुकी थी। इसलिए श्रद्धालुओं का जमावड़ा भी नहीं लगा।अनुष्ठान को को संपन्न कराने में दुर्गाबाटी के सह सचिव श्वेतांक सेन, श्यामल राय, संदीप चौधरी,जयंतो कर, नारायण प्रमाणिक, सीमंतो प्रमाणिक का सहयोग रहा।

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