रांची। हिन्दुस्तान ब्यूरो
नए साल के पहले ही दिन झारखंड बिजली वितरण निगम को लोड शेडिंग का झटका लगा। सुबह साढ़े सात बजे से नौ बजे के दौरान बिजली की मांग और आपूर्ति में 338 मेगावाट का बड़ा अंतर आ गया। लोड शेडिंग शुरू हो गई। ठंड अधिक होने के कारण बिजली की मांग बढ़ी हुई है। कटौती शुरू होने पर जेबीवीएनएल मुख्यालय को स्टेट लोड डिस्पैच्ड सेंटर की ओर से सूचित किया गया। इसके बाद आनन-फानन में इंडियन एनर्जी एक्सचेंज से बिजली खरीदने का प्रबंध शुरू किया गया। यह सिलसिला करीब एक घंटे तक चला। इस दौरान पूरे राज्य में कटौती होने लगी।
जेबीवीएनएल के अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में इंडियन एनर्जी एक्सचेंज से अतिरिक्त बिजली का प्रबंध करना आसान हो गया है। इस कारण शुक्रवार को स्थिति बिगड़ने से बच गई। पहले इंडियन एनर्जी एक्सचेंज से अतिरिक्त बिजली का प्रबंधन करने पर कुछ घंटे का समय लग जाता था। अब ससमय बिजली उपलब्ध हो जाती है। यही कारण है कि जेबीवीएनएल की ओर से इंडियन एनर्जी एक्सचेंज को अतिरिक्त बिजली की मांग करने पर कुछ ही मिनटों में बिजली मिलने लगी।
जेबीवीएनएल के अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार सुबह तेनुघाट विद्युत उत्पादन निगम से बिजली उत्पादन कम रहा। दूसरी ओर इनलैंड पावर से भी उत्पादन शून्य रहने के कारण एकाएक बिजली की उपलब्धता कम हो गई। सुबह के समय बिजली की मांग 2300 मेगावाट रिपोर्ट की गई, जबकि आपूर्ति 1950 मेगावाट के आसपास सिमट गई। हालांकि सुबह दस बजे से अतिरिक्त बिजली का प्रबंध कर लिया गया। इस समय तेनुघाट की दोनों ईकाइयों से करीब 270 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो पा रहा है।
जेबीवीएनएल को अब तक का सर्वाधिक 403 करोड़ राजस्व
रांची। झारखंड बिजली वितरण निगम ने दिसंबर महीने में अब तक के सर्वाधिक राजस्व वसूली करने में कामयाबी हासिल की है। जेबीवीएनएल ने नंबवर में 298 करोड़ रुपये का राजस्व वसूला था, लेकिन दिसंबर में झारखंड गठन के बाद 20 वर्षों में सर्वाधिक 403 करोड़ रुपये की वसूली की गई है। इस रिकॉर्ड से अधिकारी उत्साहित हैं। उल्लेखनीय है कि झारखंड बिजली वितरण निगम ने पिछले दो-तीन महीने से बिजली चोरों और बकाएदारों से सख्ती से वसूली शुरू की है। लगातार पूरे राज्य में बिजली चोरों की धरपकड़ की जा रही है। मुकदमा किया जा रहा है। बकाएदारों के कनेक्शन काटे जा रहे हैं। बिजली बिलिंग में भी लगाई गई कंपनियों से सख्ती से निपटा जा रहा है। शत-प्रतिशत उपभोक्ताओं तक बिजली बिल पहुंचाकर भुगतान सुनिश्चित कराने पर भी जोर दिया जा रहा है।