भगवत प्राप्ति की व्याकुलता से जीवन धन्य होता है: स्वामी अयोध्या
हरमू मैदान में आठ दिनी कथा ज्ञान यज्ञ आरंभ रांची। वरीय संवाददाता हरमू मैदान...

रांची। वरीय संवाददाता
हरमू मैदान में सोमवार को आठ दिनी श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ और श्रीरामचरित मानस पाठ आरंभ हुआ। श्री लक्ष्मी प्रसन्न जीयर स्वामी महाराज के सान्निध्य में कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। ज्ञान यज्ञ में पहले दिन कथावाचन करते हुए जगतगुरु स्वामी अयोध्या नाथ महाराज ने श्रीमद्भागवत कथा की महिमा का बखान किया। भगवत प्राप्ति की व्याकुलता अगर जीवन में आ गई है तो यह जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है। मनुष्य को स्वयं पर और अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण रख कर द्वंदों से ऊपर उठ कर स्वकर्तव्य को पूरा करना चाहिए। यही मनुष्य का सच्चा कर्म है। सच्चा कर्म जब होता है तो वही भक्ति में परिवर्तित हो जाता है। सम्पूर्ण पांडित्य का गोमुख वशिष्ठ जी हैं। उन्होंने भगवान के 24 अवतार को परिपूर्ण अवतार बताया। उन्होंने बताया कि श्रीराम-कृष्ण की स्तुति हमारे जीवन को शृंगारित कर देती है। उन्होंने बताया कि बहुत भाग्य से मनुष्य तन प्राप्त होता है। देवता भी कथा श्रवण के लिए लालायित रहते हैं। उन्होंने भक्तों को गोकर्ण की कथा सुनाई। इसके बाद हरिद्वार से आए जगतगुरु बैकुंठ नाथ महाराज ने श्री रामचरितमानस का पाठ आरंभ किया। व्यास पीठ से उन्होंने श्रद्धालुओं को बताया कि श्री रामायण में शिवजी पार्वती माता से कहते हैं उमा कहां हूं मैं अनुभव अपना, बिन हरि भजन जगत सब सपना। मानव जीवन दुर्लभ है। कथा के बाद आरती हुई। इससे पूर्व सुबह में पूजा हुई। इसमें धर्मेंद्र तिवारी यजमान बने। आचार्य उपेंद्र नारायण शुक्ला, पंडित चंद्रकांत त्रिपाठी, अनिल त्रिपाठी, विनोद शास्त्री ने श्रीमद्भागवत और श्री रामायण परायण के साथ गीता पाठ किया। इसके बाद श्री विष्णु सहस्त्रनाम पाठ हुआ। आरती के बाद भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण हुआ।
कथा स्थल पर गोपाल शरण सिंह, सूरजभान सिंह, पुरुषोत्तम दास विजयवर्गीय, श्याम झा, बैजनाथ पांडे, शंकर दूबे, उपेंद्र यादव, विकास सिंह, छोटन द्विवेदी समेत श्रद्धालु मौजूद थे।
