बिरसा उद्यान की तेंदुआ सीता की मौत
बिरसा जैविक उद्यान में लंबी बीमारी के बाद सीता नामक मादा तेंदुआ की मौत बुधवार की सुबह तीन बजे हो गई।मृत्यु के समय उसकी उम्र लगभग 18.4 वर्ष थी। तेंदुआ की औसतन उम्र 12 से 17 वर्ष होती है। बुधवार को जू...
बिरसा जैविक उद्यान में लंबी बीमारी के बाद सीता नामक मादा तेंदुआ की मौत बुधवार की सुबह तीन बजे हो गई।
मृत्यु के समय उसकी उम्र लगभग 18.4 वर्ष थी। तेंदुआ की औसतन उम्र 12 से 17 वर्ष होती है। बुधवार को जू में उसका पोस्टर्माटम कांके वेटनरी कॉलेज के चिकित्सक एमके गुप्ता और जू के डॉ अजय कुमार ने किया। पोस्टर्माटम के बाद उसे जू के ही शव गृह में जला दिया गया। यह जानकारी जू के डायरेक्टर अशोक कुमार ने दी है।
जूनागढ़ से लायी गई थी सीता
मृत तेंदुआ सीता को जुलाई 2008 में शकरबाध जू जूनागढ़ से लाया गया था। उस समय उसकी उम्र नौ वर्ष थी। पिछले एक वर्ष से वह हमेशा बीमार रहती थी। इलाज के बाद वह ठीक हो जाती थी। शनिवार तक वह नियमित रूप से खाना खाई थी। लेकिन उसे चलने में दिक्कत हो रही थी। रविवार से वह खाना कम कर दी थी।
जू में अब बचा है पांच बड़ा और दो बच्चा तेंदुआ
इस मादा तेंदुआ की मौत के बाद अब जू में पांच तेंदुआ, हरि, करण, राधा, धरमेंद्र और रानी के अलावा छह माह का प्रकाश और ज्योति बची हुई है। प्रकाश और ज्योति का जन्म बिरसा जू में ही हुआ है।