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एक साथ फिजिकल और वर्चुअल सुनवाई के पक्ष में नहीं है वकील

राज्य के वकील अब पूरी तरह फिजिकल सुनवाई चाहते हैं। वर्चुअल और फिजिकल दोनों सुनवाई नहीं...

एक साथ फिजिकल और वर्चुअल सुनवाई के पक्ष में नहीं है वकील
हिन्दुस्तान टीम,रांचीFri, 08 Jan 2021 03:02 AM
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रांची। प्रमुख संवाददाता

राज्य के अधिवक्ता अब पूरी तरह फिजिकल सुनवाई चाहते हैं। वर्चुअल और फिजिकल दोनों सुनवाई नहीं चाहते। इनका कहना है कि दोनों सुनवाई एक साथ होने से वकीलों को परेशानी होगी। इस मामले पर आठ जनवरी को हाईकोर्ट कोर कमेटी के साथ होने वाली बैठक में मामले को रखा जाएगा।

वकीलों का कहना है कि 11 जनवरी को हाईकोर्ट ने एक खंडपीठ में ट्रायल के तौर पर जरूरी सावधानियों के साथ फिजिकल कोर्ट की व्यवस्था की है।वकीलों का कहना है कि यदि किसी वकील का फिजिकल कोर्ट के साथ वर्चुअल कोर्ट में भी मामला है, तो वह दोनों में शामिल नहीं हो पाएगा। एक केस करने के लिए हाईकोर्ट जाना और दूसरा मामले के लिए लौट कर आकर वर्चुएल में शामिल होना संभव नहीं है। ऐसे में वकील फिजिकल के बदले वर्चुअल सुनवाई में शामिल होना ही पसंद करेंगे। इसलिए सिर्फ फिजिकल सुनवाई की व्यवस्था होनी चाहिए।

निचली अदालतों में वकीलों का एक बड़ा वर्ग प्रैक्टिस करता है। इन अदालतों के वकील भी सिर्फ फिजिकल सुनवाई चाहते हैं। उनका कहना है कि वर्चुअल सुनवाई में कई तरह की परेशानी आ रही है। क्लाइंट को भी परेशानी होती है। निचली अदालतों में कोर्ट में सुनवाई के अलावा कई तरह के काम होते हैं। वकीलों के माध्यम से शपथपत्र से लेकर एग्रीमेंट और अन्य काम भी होते हैं। फिजिकल कोर्ट नहीं होने से दूर-दराज के लोग कोर्ट नहीं आ रहे हैं। इस कारण उनका काम प्रभावित हो रहा है और वकीलों को भी परेशानी हो रही है। इस कारण निचली अदालतों में अब फिजिकल सुनवाई जरूरी है।

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