वकीलों को पर्व-त्योहार में भी आर्थिक मदद का आश्वासन नहीं
बार एसोसिएशन के फंड में करोड़ों रुपए जमा है, बावजूद नहीं मिल रहा वकीलों को मदद Lawyers are not assured of financial help even during the festival Lawyers are not assured of financial help even...
जिला बार एसोसिएशन के लगभग चार हजार वकीलों में से 20 फीसदी के परिवार पर्व-त्योहार का आनंद उठाएंगे। 80 फीसदी वकीलों की आर्थिक स्थिति आनंद के साथ पर्व मनाने लायक नहीं है। ऐसे वकील बार एसोसिएशन के फंड से मदद की गुहार लगा रहे हैं। उनका कहना है कि इस विपरीत परिस्थिति में भी बार एसोसिएशन के पदाधिकारी मदद करने में आना-कानी क्यों कर रहे हैं। बार के फंड में करोड़ों रुपए पड़े हैं। कम से कम जमा रकम से जो ब्याज मिल रहा है, उसे ही इस पूजा में वितरित कर दिया जाता।
बार एसोसिएशन के प्रशासनिक सचिव पवन रंजन खत्री वकीलों को मदद करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि जिला बार एसोसिएशन अगर चाहता तो जब से कोरोना फैला है, तब से हर एक अधिवक्ता को कम से कम ₹5000 रुपये महीना दे सकता था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। यहां के वकील सबसे पुराना बार एसोसिएशन के सदस्य होने का सजा पा रहे हैं। उनके बच्चे और परिवार टकटकी लगाए देख रहे हैं कि पर्व कैसे मनेगा। हाल ही में बने रामगढ़ जिला बार एसोसिएशन के सदस्यों को पूजा के अवसर पर दो हजार रुपए दिए जा रहे हैं। गिरिडीह, बोकारो बार एसोसिएशन के सदस्यों को 2200 रुपए दिए जा रहे हैं। इसी तरह अन्य बार एसोसिएशन मदद कर रहा है।
वकीलों ने कहा :
हमारे बार में फंड की कमी नहीं है, पर हमारे माननीय उसी के फंड का पैसा इस विपरीत परिस्थितियों में देने में इतनी आनाकानी क्यों कर रहे हैं, यह समझ से परे है।
धर्मेन्द्र नायक, अधिवक्ता।
बार भवन के नीचे बेसमेंट में पड़ी लाख रुपए की मोटरसाइकिल को ही नीलाम कर दो, कुछ तो रुपए आएंगे। वरना वह पड़े-पड़े सड़ जाएगी।
दीपेश निराला, अधिवक्ता।